छत्रपति संभाजीनगर में हिन्दू जनजागृति समिति की पत्रकार परिषद !
छत्रपति संभाजीनगर – छत्रपति संभाजीनगर में आयोजित बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम को महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति ने विरोध किया है, इसके साथ ही उन पर अनेक निराधार झूठे आरोप भी किए हैं । हिन्दू संतों को अकारण ही कष्ट देकर हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत करने और सामाजिक सौहार्द और शांति बिगाडने का प्रयत्न करनेवाली अंनिस का हिन्दू जनजागृति समिति सार्वजनिक निषेध करती है । बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में अंनिसवालों ने उपद्रव मचाया अथवा कानून-सुव्यवस्था का प्रश्न निर्माण किया तो हिन्दू समाज यह कदापि सहन नहीं करेगा । इसलिए हिन्दू संतों के कार्यक्रम में अडचनें निर्माण करनेवाले महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के पदाधिकारी एवं इस कार्यक्रम का विरोध करनेवाले हिन्दू विरोधकों पर इस कार्यक्रम के समय कठोर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर महाराष्ट्र संगठक श्री. प्रशांत जुवेकर ने यहां आयोजित पत्रकार परिषद में की ।े
इस अवसर पर श्री. जुवेकर बोले, ‘‘इससे पूर्व भी पंडित धीरेंद्र शास्त्री का नागपुर में कार्यक्रम का इसीप्रकार से तीव्र विरोध किया गया था; परंतु पुलिस ने उनसे पूछताछ के पश्चात स्पष्ट किया था कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री से कोई भी अपराध नहीं हुआ है । इसलिए अब उनका विरोध करने का कोई भी कारण नहीं ! पंडित धीरेंद्र शास्त्री ईसाइयों की ‘चंगाई सभाओं’समान कोई भी चमत्कार नहीं दिखाते । ईसाई धर्मप्रचारकों का ‘अंधा देखने लगेगा और लंगडा चलने लगेगा’, ऐसे झूठे दावे कर वे किसी को भी ठगते नहीं । तब भी अंनिसवाले ईसाई धर्मप्रचारकों की चंगाई सभाओं का विरोध नहीं करते और न ही बीच रास्ते अपने शरीर पर कोडे मारते हुए रक्तरंजित होकर ‘मातम’ करनेवालों को कभी आवाहन देते हैं ! इससे यह सिद्ध होता है कि वे केवल हिन्दू संतों को ही अपना लक्ष्य बनाते हैं ।
इस पत्रकार परिषद को हिन्दू जनजागृति समिति की मराठवाडा संगठक कु. प्रियांका लोणे, संकल्प हिन्दू राष्ट्र अभियान के संस्थापक अध्यक्ष श्री. कमलेश कटारिया और राष्ट्रीय बजरंग दल के देवगिरी प्रांत के अध्यक्ष श्री. सुभाष मोकरिया भी उपस्थित थे ।
कु. प्रियांका ने इस अवसर पर कहा, ‘‘वर्तमान में राज्य की सामाजिक शांति संकट में कैसे आएगी ? इस हेतु अंनिसवालों का यह षड्यंत्र तो नहीं है न, ऐसी शंका आती है । वर्तमान में महाराष्ट्र में लागू जादूटोनाविरोधी कानून की किसी भी धारानुसार अपराध प्रविष्ट हो सके, ऐसी कोई भी कृति इस कार्यक्रम में नहीं होती । हमने इस कानून का विरोध किया था, तब हमने जिस बात का डर व्यक्त किया था, वही आज सच हो रहा है । जादूटोना कानून के अंतर्गत हिन्दू संतों को अकारण ही बंदी बनाना, हिन्दुओं के धर्माचरण पर प्रतबंध लगाना इत्यादि बातों का विरोध करने के परिणामस्वरूप इस कानून की २७ में से १५ धाराएं हटा दी गईं थीं । आज भी इस कानून का भय दिखाया जा रहा है । इसलिए हमारी मांग है कि हिन्दुओं पर अन्याय करनेवाला यह कानून ही रहित किया जाए।