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मिशनरी विद्यालय ने अवैध रूप से कई महीने रखा, बाल आयोग ने निरीक्षण में पाई कई गडबडियां

ईसाई मजहब का प्रचार भी

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) के अध्यक्ष प्रियांक कानूनगो को रविवार (19 नवंबर, 2023) को बेंगलुरु में ‘डॉन बॉस्को मिशनरी’ द्वारा संचालित एक बाल गृह में निरीक्षण के दौरान कई अनियमितताएं मिलीं।

निरीक्षण के बाद NCPCR के चेयरमैन प्रियांक कानूनगो ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा, “बैंगलुरु, कर्नाटक में डॉन बॉस्को मिशनरी के एक चिल्ड्रेन होम के निरीक्षण में राजस्थान के जोधपुर का एक बालक मिला जो कि घर से भटक कर यहाँ आ गया था और यहाँ कई महीनों से रह रहा था, इसको वापस जोधपुर भेजने का निर्देश दिया है।”

NCPCR अध्यक्ष ने बताया कि नियमों के अनुसार, बच्चे को घर भेजा जाना चाहिए था लेकिन बाल गृह ने इसका पालन नहीं किया। साथ ही वीडियो में वह वहाँ काम करने वाली दो महिलाओं से पूछताछ करते नजर आ रहे हैं। वह महिलाओं से आश्रय गृह में मजहबी शिक्षा को लेकर सवाल कर रहे हैं।

मिशनरीज द्वारा बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध आश्रय गृहों में रखने की बार-बार आने वाली समस्या पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “धन के लालच में, कुछ बाल आश्रय गृह बच्चों को उनकी इच्छा के विरुद्ध रखते हैं और उन्हें उनके परिवारों से दूर रखते हैं। यह सब स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से किया जाता है।”

एनसीपीसीआर अध्यक्ष ने इस बात पर चिंता जताई कि ‘डॉन बॉस्को मिशनरी’ के आश्रय गृह में रखे गए बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाता है। उसी समय उन्हें बाल गृह में एक ईसाई धर्म प्रचारक लम्बे समय से अवैध रूप से रहते हुए मिला।

स्रोत : ऑप इंडिया

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