दुनियाभर से 50000+ मुस्लिमों का होना था जमावड़ा
धार्मिक संवेदनशीलता का हवाला देते हुए नेपाल सरकार ने भारत-नेपाल सीमा पर होने वाली मुस्लिमों की सालाना इस्लामी जलसा इज्तिमा पर रोक लगा दी है। यहाँ इस्लाम पर तकरीरें होनी थीं। कहा जा रहा है इसमें कई प्रतिबंधित मुस्लिम मजहबी नेताओं को भी बुलाया गया था। जिस पर अब नेपाल के गृह मंत्रालय ने रोक लगते हुए इस आयोजन के लिए लगाए गए टेंट और इसके लिए आए लोगों से अपना इलाका 24 घंटे के अंदर खाली करने को कहा है।
#Breaking : #अररिया: मुस्लिम समुदाय के सालाना धार्मिक सभा इज्तिमा पर नेपाल सरकार ने रोक लगा दी है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने यह फैसला लिया है। नेपाल सरकार ने इज्तिमा के लिए लगाए गए टेंट और इसके लिए बाहर से आए लोगों को 24 घंटे के अंदर खाली करने का निर्देश दिया है। @NavbharatTimes
— NBT Bihar (@NBTBihar) November 20, 2023
दरअसल, जोगबनी सीमा से सटे नेपाल के कोशी के सुनसरी जिले में इज्तिमा की तैयारी जोर-शोर से चल रही थी। नेपाल का ये इलाका भारत के बिहार राज्य के अररिया जिले के शहर जोगबनी से लगा हुआ है।
इस जिले के दुहबी और इटहरी में 21 से 23 नवंबर तक इज्तिमा के लिए 80 एकड़ में टेंट लगाए गए। इसमें आने वाले करीब 50 हजार लोगों के रहने के पूरे इंतजामात भी किए गए थे।
इसके लिए दुनिया भर के कई देशों के मुस्लिमों को बुलावा भेजा गया था। बता दें कि सुनसरी जिला मजहबी तौर से काफी संवेदनशील इलाका है। यहाँ मुस्लिमों के इस बड़े आयोजन से हिंदू बाहुल्य देश नेपाल में धार्मिक भावनाओं के भड़कने की आशंका थी।
वहीं मामले की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्रालय ने किसी भी कीमत पर इस कार्यक्रम को रोकने का निर्देश जारी कर दिया। जिलाधिकारी पाण्डे ने बताया कि गृह मंत्रालय के निर्देश के बाद आयोजकों को कार्यक्रम रोकने के लिए लिखित निर्देश जारी कर दिया गया है।
नेपाल ने ये फैसला यहाँ के खुफिया विभाग और कई राजनीतिक दलों के साथ सुनसरी जिले के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद लिया। इसके मद्देनजर सुनसरी के चीफ जिलाधिकारी जिले के सुरक्षा अधिकारियों के संग आयोजन स्थल का मौका मुआयना करने गए थे।
इस दौरान उन्होंने इज्तिमा के लिए लगाए गए टेंटों को तुंरत हटाने के साथ ही बाहर से वहाँ आए लोगों को 24 घंटे के अंदर जिला छोड़ने का निर्देश भी दिया।
स्रोत : आॅप इंडिया