कर्नाटक के शिवमोग्गा में एक ब्राह्मण छात्रा के पिता ने सरकारी विद्यालय के हेडमास्टर और उनके सहायक पर बेटी को अंडा खाने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है। होसनगरा तालुक के अमृता गांव में केपीएस प्राइमरी विद्यालय में हुई घटना के संबंध में छात्रा के पिता श्रीकांत ने शिक्षा विभाग से शिकायत की है।
शिकायत में श्रीकांत ने कहा कि ब्राह्मण समुदाय से आने वाली उनकी बेटी को विद्यालय में मीड हे मील में जबरदस्ती अंडा खाने के लिए मजबूर किया गया। सात साल की इस बच्ची ने अपने पिता से शिकायत की थी कि, शिक्षक पुट्टास्वामी ने उससे कहा था कि अच्छी सेहत के लिए अंडे बहुत आवश्यक हैं। इससे उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हुई हैं, क्योंकि वह शाकाहारी हैं। उन्होंने विद्यालय के हेडमास्टर और सहायक शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
राज्य सरकार की तरफ से मिड डे मील में दो बार अंडे और केले बांटे जाते हैं।
वहीं, इस मामले में उन्होंने शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा, शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव, उप निदेशक और स्थानीय विधायक को शिकायत सौंपी है। उल्लेखनीय है कि पोषण स्तर सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार स्कूली बच्चों को सप्ताह में दो बार अंडे और केले खाने के लिए देती है। पहले भी कई मौकों पर धार्मिक संतों ने स्कूल में अंडे बांटने का विरोध किया है।
शिवमोगा के सार्वजनिक निर्देश उप निदेशक परमेश्वरप्पा सीआर के मुताबिक, “हमने इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से लिया है। लेकिन हमें मिली जानकारी के आधार पर, छात्र को जबरदस्ती अंडा नहीं खिलाया गया था। हालाँकि, हम दी गई जाँच रिपोर्ट की समीक्षा करेंगे। यदि नियमों का उल्लंघन पाया गया तो खंड शिक्षा अधिकारी संबंधित शिक्षक के खिलाफ गंभीर कार्रवाई करेंगे।”