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15 दिन के भीतर ‘हलाल’ प्रमाणित वस्तुओं का सारा माल हटाओ : योगी सरकार का निर्देश

हलाल उत्पादों पर प्रतिबंध के बाद 92 जगहों पर छापेमारी

उत्तर प्रदेश में हलाल प्रोडक्ट बैन होने के बाद वहां की योगी सरकार ने राज्य के सभी थोक और फुटकर विक्रेताओं को आदेश दिया है कि वो 15 दिनों के अंदर अपने स्टॉक में मौजूद हलाल उत्पादों को हटा लें। साथ ही हलाल सर्टिफिकेट के साथ सामान बनाने वाले UP की 92 कंपियों से कहा गया है कि वो दुकानों पर बेचा गया अपना माल वापस मंगा लें और उसे बिना हलाल के ठप्पे वाले नए पैक में भर कर बेचें। हलाल उत्पादों में मिलावट की आशंका को देखते हुए इसके सैंपल भी जाँच के लिए प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।

खाद्य सुरक्षा प्रशासन की आयुक्त अनीता सिंह ने टाइम्स ऑफ़ इंडिया को बताया कि 18 नवंबर 2023 को हजरतगंज थाने में हलाल सर्टिफिकेट से जुड़े लोगों पर FIR दर्ज होने के बाद इस मामले में कार्रवाई तेज कर दी गई है। अब तक प्रदेश भर में 92 दबिश के साथ 500 स्थानों पर जाँच-पड़ताल की जा चुकी है। इस दौरान लगभग 3000 किलो हलाल प्रोडक्ट को जब्त किया गया है। जब्त हुए सामान की अनुमानित कीमत 7 से 8 लाख रुपए के बीच बताई जा रही है।

इसके अलावा मिलावट की आशंका के चलते 81 सैम्पलों को जाँच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया है। आयुक्त अनीता के अनुसार मिलावट पाए जाने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने गुरुवार (23 नवंबर) को इस बाबत सभी जिले के अधिकारियों से कॉन्फ्रेंसिंग पर बात भी की। मीटिंग के दौरान उन्होंने छापेमारी तेज करने के निर्देश दिए। छापेमारी के दौरान तेलंगाना, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र आदि की कंपनियों के प्रोडक्ट हालात सर्टिफिकेट के साथ उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में बिकते मिले जिन्हे जब्त किया जा रहा है।

जब्त हुए सामानों में चीनी, तेल और बेकरी के सामान अदि हैं। आयुक्त अनीता सिंह ने आगे बताया कि माँस और उसके उत्पादों को सर्टिफिकेट देने के लिए पूरे देश में महज 3 कम्पनियाँ अधिकृत हैं। इसमें से एक लखनऊ में है। फिलहाल पूरे देश में 700 से 800 ऐसे संस्थान पाए गए हैं हलाल सर्टिफिकेट जारी कर रहे थे। इन सभी संस्थानों को उत्तर प्रदेश में बैन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने हलाल सर्टिफिकेट को वर्ग विशेष को लाभ पहुँचाने का हथकंडा बताया है।

स्रोत : ऑप इंडिया

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