प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को घोषणा की कि भारतीय संस्कृति के अनुसार नौसेना में रैंकों का नाम बदला जाएगा। उन्होंने सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस समारोह को संबोधित करते समय यह घोषणा की। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि हम अपने सशस्त्र बलों में महिला शक्ति को बढ़ाने पर भी काम कर रहे हैं। उन्होंने जहाज पर देश की पहली महिला कमांडिंग अफसर नियुक्त करने पर नौसेना को बधाई दी। बता दें कि एक साल पहले प्रधानमंत्री ने छत्रपति शिवाजी महाराज से प्रेरित होकर नौसेना का नया ध्वज जारी किया था।
Glimpses from the spectacular Navy Day programme at Sindhudurg. It’s wonderful that we have been able to mark this special day in a place so closely associated with Chhatrapati Shivaji Maharaj. pic.twitter.com/da5V9aulNE
— Narendra Modi (@narendramodi) December 4, 2023
राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने के बाद नौसेना दिवस 2023 पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने नौसेना को ताकतवर बनाने पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि नौसेना के ध्वज की प्रतिकृति में छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा का चिह्न है। लेकिन नौसेना अधिकारी जो एपॉलेट पहनते हैं, उसमें भी अब छत्रपति शिवाजी महाराज की झलक दिखाई देगी।
उन्होंने आगे कि सरकार सशस्त्र बलों में महिलाओं की संख्या बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने जब समुद्र पर नियंत्रण खोया कमजोर हुए। इस खोये हुए गौरव का वापस पाना हमारा लक्ष्य है। उन्होंने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज को भरोसा था कि जिसने समुद्र पर नियंत्रण पा लिया वह सर्वशक्तिमान है। इसलिए, उन्होंने एक शक्तिशाली नौसेना बनाई। उनसे प्रेरणा लेकर आज भारत गुलामी की मानसिकता को छोड़कर आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा कि विदेशियों ने हमारी शक्ति को निशाना बनाया। नाव और जहाज बनाने की हमारी कला को ठप कर दिया गया। आज जब हम विकसित भारत के लक्ष्य पर आगे बढ़ रहे है तो इस खोये हुए गौरव को फिर से पाकर रहना है। सरकार इस दिशा में आगे बढ़ रही है। सागरमाला के तहत पौर्टलैंड डेवलपमेंट हो रहा है। मेरीटाईम विजन के तहत देश अपने सागरों के पूरे सामर्थ्य का इस्तेमाल करने की ओर आगे बढ़ रहा है। मर्चेंट शिपिंग को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने नए नियम बनाए हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का भारत अपने लिए बड़े लक्ष्य तय कर रहा है। उसे पाने के लिए पूरी शक्ति लगा रहा है। भारत के पास इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए 140 करोड़ के विश्वास और दुनिया की सबसे बड़े लोकतंत्र की ताकत है।
स्रोत : नवभारत टाइम्स