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प्रभु श्रीराम अपने मन में हैं और ‘रामराज्य’ अपना ध्येय है ! – सद़्‍गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे

देहली में २ दिनों का हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन संपन्न !

नई देहली – अर्जुन संभ्रम में होते हुए भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को उनके धार्मिक कर्तव्य का भान करवाया । आज हिन्दुओं की अवस्था भी अर्जुन समान हो गई है । यदि आज हिन्दुओं को आत्मभान नहीं होगा, तो उनमें शत्रुभावना कैसे आएगी ? हिन्दू समाज को हिन्दू संगठन के माध्यम से यह ध्यान में रखना चाहिए और इसीलिए यह हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन है । अब हमें प्रभु श्रीराम एवं रामराज्य की स्थापना का ध्येय आंखों के सामने रखकर काम करना होगा, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय मार्गदर्शक सद््गुरु डॉ. चारुदत्त पिंगळे ने किया ।

हिन्दू राष्ट्र की स्थापना के लिए देश की राजधानी देहली में हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा आयोजित किए गए २ दिनों के ‘हिन्दू राष्ट्र अधिवेशन’में वे बोल रहे थे । १८ एवं १९ नवंबर को आयोजित इस अधिवेशन में जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, उत्तरप्रदेश, हरियाणा, देहली, राजस्थान एवं मध्यप्रदेश के ३३ संगठनों के १३२ पदाधिकारी उपस्थित थे । इसमें विचारक एवं अधिवक्ता भी सम्मिलित हुए थे । इस अवसर पर धर्म पर आधारित रामराज्य व्यवस्था की ओर से सर्व धर्मियों ने हिन्दू राष्ट्र स्थापना के कार्य में सहभागी होने की प्रतिज्ञा ली । इसके अतिरिक्त अंग्रेजी ‘सनातन एंड्रॉइड पंचाग २०२४’का संतों के आशीर्वाद से प्रकाशन किया गया ।

अंग्रेजी ‘सनातन एंड्रॉइड पंचाग २०२४’का प्रकाशन करते हुए, बाएं से सनातन संस्था के प्रचारक श्री. अभय वर्तक, श्री. आर्.एस्.एन्. सिंह, श्री. सुरेश चव्हाणके, श्री. विनोद बन्सल एवं हिन्दुत्वनिष्ठ व्यापारी श्री. विवेकशील अग्रवाल

‘इंडिया’को गाढ दें, ‘भारत’को प्रत्येक घर तक पहुंचा दें ! – आर्.एस्.एन्. सिंह, संरक्षण विशेषज्ञ
जो अवैज्ञानिक है, वह शाश्वत नहीं हो सकता । हिन्दू यदि सनातन, संस्कृति, संस्कृत और संगीत को त्याग देंगे, तो वे निर्जीव हो जाएंगे । फिर गजनी, ईसाई धर्मप्रचारक और हममें क्या भेद रह जाएगा ? इतिहास देखें, तो खरे देशभक्त को अज्ञातवास एवं अपकीर्ति ही मिली है ।
आज ‘इंडिया’ एवं ‘भारत’ में वाद-विवाद चल रहा है । ‘इंडिया’ हमास के साथ है और ‘भारत’ इजरायल के साथ ! इसलिए ‘इंडिया’को गाढ दो और ‘भारत’को प्रत्येक घर तक पहुंचा दो ।

जो आश्रय देता है, वह निर्वासित होता है ! – विनोद बन्सल, राष्ट्रीय प्रवक्ता, विश्व हिन्दू परिषद
श्रावण माह में नूंह (हरियाणा) में हुए दंगों के विषय में विश्व हिन्दू परिषद के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. विनोद बन्सल बोले कि नूंह दंगल हिन्दुओं के लिए चेतावनी है । अब भी हिन्दू जागृत और संगठित नहीं हुआ, तो आनेवाले काल में उन्हें भीषण संकट का सामना करने की तैयारी रखनी होगी ।

नूंह श्रीकृष्ण की क्रीडाभूमि है ! वह ब्रजभूमि है ! जिन हिन्दुओं ने वहां के लोगों को आश्रय दिया, उन्होंने ही आज हिन्दुओं को निराश्रित कर दिया । इतना ही नहीं, अपितु हिन्दुओं की संस्कृति भी नष्ट कर दी । जहां-जहां हिन्दू सो गए, वहां उन्होंने (मुसलमानों ने) वर्चस्व स्थापित कर लिया । हम अपने घर में सत्संग नहीं करते । घर-घर हनुमान चालिसा का पठन करें और शरीर शुद्धि हेतु मन को भी शुद्ध करें ।

अधिवेशन में उपस्थित हिन्दू धर्माभिमानी

अधर्मियों की चौथी पीढी द्वारा युद्ध शुरू ! – रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
जोसेफ स्टैलिन ने रूस में लगभग २ करोड लोगों की हत्या की । अब भारत में उदयनिधि स्टैलिन हिन्दू धर्म नष्ट करने की बात करते हैं । जोसेफ स्टैलिन ने कहा था, ‘किसी व्यक्ति की मृत्यु, शोकांतिका है; परंतु लाखों लोगों की मृत्यु, यह आंकडा है ।’ ‘डिस्मेंटलिंग ग्लोबल हिन्दुत्व’ (हिन्दुत्व का वैश्विक स्तर पर उच्चाटन) इसप्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर हिन्दुओं को नष्ट करने की चर्चा की जा रही है ।

‘शहरी नक्सलवाद’का प्रभाव भारत में शीघ्रता से फैल रहा है । सनातन धर्म नष्ट करने का वे सतत प्रयत्न कर रहे हैं । आज ‘फोर्थ जनरेशन वॉरफेयर’ (चौथी पीढी का युद्ध) शुरू हो गया है । इसमें बाहर से आक्रमण करने की आवश्यकता नहीं; अपितु अंदर से ही संस्कृति नष्ट हो रही है ।

अध्ययन और धर्म के आचरण से हिन्दू सशक्त बनेगा ! – सुरेश चव्हाणके
‘सुदर्शन’ वाहिनी के मुख्य संपादक श्री. सुरेश चव्हाणके ने अधिवेशन में कहा कि हमने धर्म सिखाया नहीं, इसीलिए आज हिन्दुओं का धर्मांतर करने की ताक में बैठे लोग मानसशास्त्र का आधार लेकर हिन्दुओं को संभ्रम में डाल रहे हैं ।

इसलिए धर्म समझकर उस अनुसार प्रतिदिन उसका आचरण करना आवश्यक है । इस अधिवेशन के माध्यम से विविध संगठन एकत्र आकर चर्चा कर रहे हैं और इससे धर्म सुदृढ होगा ।

‘द्रौपदी ड्रीम ट्रस्ट’की अध्यक्षा सुश्री नीरा मिश्रा ने प्रमाणों सहित बताया कि देहली ही वास्तव में इंद्रप्रस्थ है ।

इस अधिवेशन में ‘इजरायल-हमास युद्ध की भारत को चेतावनी’ इस विषय पर चर्चासत्र भी आयोजित किया गया था ।

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