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महिलाओं को स्वरक्षा सीखकर प्रशिक्षित होना आवश्यक – प्रकाश कोंडस्कर, हिन्दू जनजागृति समिति

हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से जाकादेवी (ता. रत्नागिरी) में शौर्य प्रशिक्षण शिविर

मार्गदर्शन करते हुए श्री. प्रकाश कोंडस्कर

रत्नागिरी (महाराष्ट्र) – पूर्व के काल में अपने देश में महिलाओं का सम्मान किया जाता था । आज जब हमारा देश महासत्ता बनने की दिशा में अग्रसर है तब महिलाओं की असुरक्षितता दिनोदिन बढती जा रही है । इसके लिए महिलाओं को धर्माचरण कर आत्मबल बढाने के साथ ही स्वरक्षा हेतु प्रशिक्षित भी होना चाहिए, ऐसा आवाहन हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. प्रकाश कोंडस्कर ने किया ।

वे तालुका की जाकादेवी पंचक्रोशी की लडकियों के लिए आयोजित शौर्य प्रशिक्षण शिविर में बोल रहे थे । इस शिविर में ९८ शिविरार्थियों ने सहभाग लिया था । शिविर का उद्देश्य कु. सुवर्णा सकपाळ ने बताया और सूत्रसंचालन कु. मिथिला वाडेकर ने किया ।

उपस्थित शिबिरार्थी

श्री. प्रकाश कोंडस्कर आगे बोले, ‘‘जब असुरों का प्रकोप बढ गया, तब श्री दुर्गादेवी ने असुरों का नाश कर विजयादशमी मनाई । स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों को दांव पर लगाकर, अपने शौर्य और पराक्रम का परिचय देनेवाली झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का आदर्श अपनी आंखों के सामने रखना चाहिए । काल की आहट पहचानकर महिलाओं को शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी सक्षम होना आवश्यक है । अपने ऋषि-मुनियों ने कठोर तपस्या के पश्चात अखिल मानव जाति के लिए ज्ञान उपलब्ध करवाया । उसका हमें लाभ उठाना चाहिए और भारतीय संस्कृतिनुसार आचरण करना चाहिए ।’’

इस अवसर पर कु. सुवर्णा सकपाळ ने कहा कि हमें यदि महिलाओं को एक उपभोग की वस्तु की दृष्टि से नहीं, अपितु आदर-सम्मान से देखनेवाला समाज निर्माण करना है, तो हमें अपने आचरण में परिवर्तन करना होगा ।

कु. मिथिला वाडेकर ने कहा, हमें आरामदायी जीवन जीने का अवसर क्रांतिकारियों के कारण मिला है; इसलिए हम मातृभूमि के लिए समय देने का प्रण लेंगे !

शिविरार्थियों का मनोगत

१. भूतपूर्व सरपंच श्रीमती माधवी संतोष गोताड : अच्छा उपक्रम है, इसलिए प्रशिक्षण सीखने की इच्छा निर्माण हुई है ।

२. श्रीमती संस्कृति धामणे : प्रशिक्षण बहुत ही अच्छे प्रकार से दिया ।

३. कु. श्वेता जोशी : प्रत्येक युवती को रणरागिनी बनना चाहिए । माता-पिता को बिना बताए कहीं भी न जाएं । प्रशिक्षण लेकर सबल बनें ! सामनेवाली की नजर कैसी है ?, यह पहचानना सीखें ।

४. कु. गौरी गोगटे : अत्यंत प्रशंसनीय उपक्रम है । सभी इस शिविर का लाभ लें ।

५. कु. स्नेहा शेंडे : सभी स्वरक्षा सीखें । प्रत्येक गली में ऐसे वर्ग शुरू करने चाहिए ।

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