नयी दिल्ली – भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हरनाथ सिंह यादव ने वक्फ बोर्डों को निरस्त करने से संबंधित निजि विधेयक शुक्रवार को राज्यसभा में पेश किया।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के नेता इलामारम करीम और कुछ अन्य विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को पेश किये जाने का विरोध किया लेकिन सदन ने उनके प्रस्ताव को 32 के मुकाबले 53 मतों से नामंजूर कर दिया।
श्री यादव ने कहा कि, वक्फ बोर्डों का दुरूपयोग किया जा रहा है और वे मनमाने ढंग से काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इनका गठन अतार्किक और अंसवैधानिक है।
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करीम और अन्य सदस्यों ने इस विधेयक को देश तथा समाज को बांटने वाला बताते हुए इसके विरोध में प्रस्ताव रखा जिसे सदन ने 32 के मुकाबले 53 मतों से खारिज कर दिया। इसके बाद श्री यादव ने विधेयक पेश किया।
इससे पहले करीम ने कहा कि, यह गंभीर विषय है क्योंकि यह एक समुदाय के लोगों के मौलिक अधिकारों से जुड़ा है। उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड कई जन कल्याण के कार्य करता है और बोर्ड को निरस्त किये जाने से समाज में तनाव पैदा होगा।
मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने विधेयक का विरोध करते हुए कहा कि इससे समाज में ध्रुवीकरण तथा शत्रुता बढेगी। उन्होंने कहा कि इसके दूरगामी परिणाम होंगे।
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के संतोष कुमार पी, झारखंड मुक्ति मोर्चा की महुआ माजी और राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा ने भी विधेयक का विरोध किया।
स्रोत : यूनिवार्ता