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अहिल्यानगर स्थित श्री कानिफनाथ देवस्थान की ४० एकड भूमि का धर्मांधों ने किया वक्फ बोर्ड में अनधिकृत पंजीकरण

यह घटना इस वास्तविकता का ज्वलंत उदाहरण है कि कैसे कट्टरपंथी मुसलमान तथा उनका वक्फ बोर्ड हिन्दू मंदिरों की भूमि हडप रहे हैं । हिन्दुओं को संगठित होकर इस वक्फ बोर्ड पर सरकार से कार्रवाई कराने के लिए प्रयास करना चाहिए ! – सम्पादक, हिन्दुजागृति

  • श्री कानिफनाथ ट्रस्ट के सचिव श्री. ऋषिकेश बांगरे ने दी चौंकाने वाली जानकारी !
  • वर्ष २००५ में अनधिकृत पंजीकरण की षड्यंत्रकारी घटना !
  • राज्य सरकार को सूचना भेजने के उपरांत भी षड्यंत्रकारी कट्टरपंथियों पर कोई कार्रवाई नहीं !

पुणे – अहिल्यानगर की गुहा तालुका में कानिफनाथ देवस्थान की ४० एकड भूमि को मुस्लिम समुदाय ने वर्ष २००५ में वक्फ बोर्ड के साथ अनौपचारिक रूप से एक षड्यंत्र द्वारा पंजीकृत करवा लिया किंतु गांव में उसकी कोई सूचना नहीं दी गई । इसी आधार पर अब वे मंदिर की भूमि पर अधिकार जमाने का अनुचित प्रयत्न कर रहे हैं । श्री कान्होबा एवं कानिफनाथ ट्रस्ट, गुहा मंदिर संस्थान के सचिव श्री. ऋषिकेश बांगरे ने दैनिक ‘सनातन प्रभात’ के संवाददाता से बात करते हुए सूचित किया कि, इसी के अनुसार १३ नवंबर को मुसलमानों ने श्री कानिफनाथ मंदिर में प्रवेश किया तथा वारकरी भक्तों से मारपीट की ।

१. श्री. हृषिकेश बांगरे ने आगे कहा, ‘जब हमारे वारकरी मंत्रोच्चार कर रहे थे, कुछ मुस्लिम सामाजिक कार्यकर्ताओं ने हमारे वारकरी भाई-बहनों को धक्का देकर उनके ताल-मृदंगों को तोड दिया, जो वारकरी संप्रदाय की अमूल्य संपत्ति होती है । इतना ही नहीं मुसलमानों ने हिन्दू पुजारियों एवं वारकरी भक्तों को नृशंसता से पीटा । अब हिन्दू वहां मंदिर में भजन कर सकेंगे; किंतु कट्टरपंथी मुसलमान हिन्दुओं के प्रत्येक कार्यक्रम में बाधा डालकर शांति भंग करने का प्रयास कर रहे हैं ।

२. इस संबंध में, अधिवक्ता श्री प्रसाद कोलसे ने कहा, ‘हमने वक्फ बोर्ड को इस भूमि पर निर्माण किए गए अवैध पंजीकरण की समीक्षा करने एवं ‘वापस लेने का आदेश’ देने के लिए एक आवेदन दिया है; किंतु अभी तक वक्फ बोर्ड ने इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है । हमने राजस्व मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल के पास परिवाद (शिकायत) की है, कि इस पूरे प्रकरण की जांच राजस्व विभाग से कराई जाए । इसके लिए आवेदन दिया गया है । उनके आदेशानुसार जिलाधीशों की एक समिति नियुक्त की गई है । समिति ने जांच कर आवेदन को राज्य सरकार को भेज दिया है; किंतु इस पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है ।

स्रोत : सनातन प्रभात

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