राजस्थान में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के बाद एक टेलर सोहन लाल जाटव को भी जान से मारने की धमकी दी गई है। उन्हें प्राप्त पत्र में कहा गया है कि उनकी दर्जी की दुकान को अगर उन्होंने खाली नहीं किया तो उन्हें बम से उड़ा दिया जाएगा। ये पत्र पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के नाम से भेजा गया है।
मामला अलवर स्थित सदर थाना क्षेत्र के चिकानी गाँव का है। पीड़ित ने इस संबंध में गुरुवार (७ दिसंबर २०२३) को केस दर्ज कराया। शिकायत में उन्होंने कहा कि १३ नवंबर को उन्हें डाक से एक पत्र मिला था जिसमें उन्हें दुकान खाली करने को कहा गया।
सोहन लाल जाटव ने इस संबंध में बताया कि उन्होंने दुकान की जमीन १९७१ में खरीदी थी। तब से उनका किसी से कोई विवाद नहीं हुआ। बहुत पहले रती मोहम्मद नाम के शख्स से उनकी अनबन हुई थी लेकिन बाद में मामला सुलझ गया था और उसके बाद से उनका किसी से झगड़ा नहीं हुआ। लेकिन २५ दिन पहले फिर उन्हें एक पत्र मिला…
पत्र में लिखा था, “मेरी बात अच्छी तरह समझ, यह तेरी दुकान है। यह जगह मुसलमान की है, यह जो सरदार की दुकान है और रोहतास कुमार की दुकान है, सरपंच और आस मोहम्मद के लोगों ने बताया है कि यह सारी जगह मुस्लिम भाइयों की है और तुमने कब्जा किया हुआ है। मैं अभी शराफत से बोल रहा हूँ, अभी जगह की सही कीमत लो और खाली करो, मैं कौन हूँ…PFI… ३१ दिसंबर तक का समय दे रहा हूँ, नहीं तो PFI को दुनिया जानती है, एक रात में बम से सब नष्ट कर दूँगा।”
सोहन लाल जाटव से जब पूछा गया कि उन्होंने इस पत्र को लेकर इतने समय बाद जानकारी क्यों दी तो इस पर वह बोले कि २५ दिन पहले यह पत्र डाक से मिला था। लेकिन विधानसभा चुनाव में माहौल नहीं बिगड़े, इसलिए वे चुप रहे। नतीजों के बाद ७ दिसंबर को अलवर सदर पुलिस थाने में पहुँचकर उन्होंने अपनी शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस थाना अधिकारी दिनेश मीणा ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जाँच शुरू कर दी गई है।
याद दिला दें साल २०२२ में राजस्थान के उदयपुर में कन्हैयालाल नाम के दर्जी को इस्लामी कट्टरपंथियों ने दुकान में घुस मौत के घाट उतारा था। कन्हैयालाल की गलती बस इतनी थी कि उन्होंने नुपूर शर्मा को समर्थन दिया था। इसी के बाद उन्हें धमकी आई। कई दिन उन्होंने अपनी दुकान बंद भी रखी, जब उन्हें लगा जब सुलझ गया है तभी कट्टरपंथियों ने घटना को अंजाम दिया था।
स्त्रोत : ऑप इंडिया