गुजरात के खेड़ा जिले के नाडियाद में गायों की मौत को लेकर उच्च न्यायालय ने कड़ी टिप्पणी की है। गायों की लाश वाली तस्वीरें देख उच्च न्यायालय स्तब्ध रह गया और कहा कि, इस कृत्य के लिए भगवान भी माफ नहीं करेंगे। मौत के बाद गायों के अवशेष खुले में ही फेंक दिए गए थे।
जस्टिस एजे शास्त्री और जस्टिस हेमंत प्रच्छक की बेंच ने सड़क पर खुले में घूमने वाले मवेशियों से होने वाली परेशानियों से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की। नडियाद के रहने वाले मौलिक श्रीमाली ने यह याचिका दायर की थी। उन्होंने इस समस्या की तरफ न्यायालय का ध्यान खींचने के लिए खुले में छोड़ दी गई गायों की लाश की तस्वीरें भी पीठ के सामने रखी।
‘Even God will not forgive us’: Gujarat HC judges on cow deathshttps://t.co/1Zk1Cj2N6d
— The Times Of India (@timesofindia) December 13, 2023
उच्च न्यायालय की बेंच ने इस पर हैरानी जताते हुए अधिकारियों से जाँच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा। राज्य सरकार की नीति के तहत आवारा पशुओं की परेशानी से निपटने के लिए गायें बाड़े में रखी गई थी। इनमें 30 गायों की मौत हो गई थी। न्यायालय ने इसे लेकर खेड़ा जिले के कलेक्टर से रिपोर्ट तलब की है।
गायों की लाशों की तस्वीरें देखने के बाद जस्टिस शास्त्री ने कहा, “यह बहुत परेशान करने, चौंकाने वाला और सकते में डालने वाला है। हमें लगता है कि किसी नीति को नियमित करने और लागू करने की आड़ में निर्दोष जानवरों की हत्या नहीं की जा सकती। इंसानी जिंदगी की सहूलियत के लिए हम ऐसी चीज की की मंजूरी नहीं दे सकते।” उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हो रहा है तो भगवान भी हमें माफ नहीं करेंगे। निर्दोष जानवरों को इस तरह खत्म नहीं किया जा सकता। लोगों की सुविधा के लिए एक भी निर्दोष जानवर की हत्या नहीं की जानी चाहिए।
गुजराज उच्च न्यायालय ने इसे लेकर महाधिवक्ता कमल त्रिवेद्वी को रिपोर्ट पेश करने को कहा। महाअधिवक्ता ने इस मसले पर गुजराज उच्च न्यायालय के सख्त रवैए को देखते हुए कार्रवाई करने का वादा किया है। उन्होंने हाईन्यायालय से ये भी कहा कि इस तरह के काम कुछ शरातती तत्वों के इशारों पर होते है। अधिकारी ये पता लगाएँगे कि ये उपद्रवी और शरारती तत्व आखिर कौन हैं।
इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार यानी आज 13 दिसंबर को है। उच्च न्यायालय ने कहा कि अधिकारियों से अपेक्षा की जाती है कि वे मवेशियों को रखने की जगह की स्थिति और नडियाद की घटना को लेकर कार्रवाई पर विवरण पेश करेंगे। गौरतलब है कि गुजरात में गायों की हत्या पर आजीवन कारावास की सजा है। इसे 2017 में लागू किया गया।
स्रोत : ऑप इंडिया