असम की हिमंता बिस्वा सरकार ने राज्य में सरकारी मदद से चलाए जा रहे १२८१ मदरसे बंद करके उनकी जगह इंग्लिश स्कूल खोल दिए हैं। इसके लिए सरकार ने आदेश भी जारी कर दिए हैं। अब इन मदरसों में इस्लामी शिक्षा की जगह सामान्य विषयों की पढ़ाई होगी।
असम सरकार के १२८१ मदरसों को बंद करने के निर्णय को बताते हुए राज्य के शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा, “सभी सरकारी और प्रांतीय मदरसों के स्कूलों में SEBA (असम सेकेंडरी एजुकेशन बोर्ड) के तहत आज असम शिक्षा विभाग ने १२८१ माध्यमिक शिक्षा मदरसों को माध्यमिक शिक्षा स्कूलों में बदलने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है।
Consequent to conversion of all Govt and Provincialised Madrasa’s into general schools under SEBA, @SchoolEdnAssam has changed the names of 1281 ME Madrasas into ME School by a notification today. Here is the link for the list of schools. @himantabiswa @Samagra_Assam…
— Ranoj Pegu (@ranojpeguassam) December 13, 2023
असम सरकार द्वारा जारी की गई लिस्ट के अनुसार सर्वाधिक मदरसे असम-बांग्लादेश सीमा पर बसे जिले धुबरी में बंद किए गए हैं। इनकी संख्या २६८ है। इसके अलावा बारपेटा, नोगाँव और गोलपाड़ा आदि में भी बड़ी सँख्या में मदरसे बंद किए गए हैं। इन जिलों में बांग्लादेश से आने वाले अवैध घुसपैठियों की भी भरमार रही है।
राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा पहले ही कह चुके हैं कि वह राज्य के सभी मदरसे बंद करना चाहते हैं क्योंकि नए भारत में लोगों को स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों की आवश्यकता है जो कि डॉक्टर, इंजीनियर और प्रोफेशनल्स बनाएँ ना कि मदरसों की।
असम में इससे पहले ६०० मदरसों को बंद किया गया था। मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कर्नाटक चुनावों के दौरान आयोजित एक रैली में कहा था कि वह राज्य में ६०० मदरसे बंद कर चुके हैं और सभी मदरसों को बंद करने की इच्छा रखते हैं।
इसी वर्ष मई में भी असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा था कि वह ३०० मदरसे बंद करेंगे। असम के मुख्यमंत्री ने इसे पुलिस और कौमी संगठनों के बीच बातचीत का नतीजा बताया था। गौरतलब है कि असम सरकार राज्य में अवैध घुसपैठियों और कट्टरपंथ को लेकर काफी सख्त रवैया अपना रही है।
स्त्रोत : आॅप इंडिया