‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ से चर्चा करने हेतु मंत्री गिरीश महाजन एवं विधायक भरतशेठ गोगावले समन्वय करेंगे ! – मुख्यमंत्री
महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा मंदिरों के संदर्भ में की सभी मांगों के विषय में सरकार सकारात्मक है । मंदिरों और पुजारियों की समस्याएं दूर करने के लिए शासन द्वारा बैठक आयोजित की जाएगी । महाराष्ट्र मंदिर महासंघ तथा राज्यशासन के बीच समन्वय ग्रामविकासमंत्री श्री. गिरीश महाजन तथा शिवसेना के विधायक श्री. भरतशेठ गोगावले करेंगे, ऐसा मुख्यमंत्री श्री. एकनाथ शिंदे ने स्पष्ट किया । नागपुर के विधान भवन में ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के पदाधिकारियों के साथ हुई बैठक में वे बोल रहे थे । इस समय सहायता एवं पुनर्वास मंत्री श्री. संजय राठोड तथा शिवसेना के विधायक श्री. प्रताप सरनाईक भी उपस्थित थे ।
इस समय ‘महाराष्ट्र मंदिर महासंघ’ के राज्य समन्वयक श्री. सुनील घनवट तथा ‘देवस्थान समन्वय समिति विदर्भ’ के श्री. अनूप जयस्वाल ने कहा, 2 और 3 दिसंबर 2023 को श्रीक्षेत्र ओझर (पुणे) स्थित श्री विघ्नहर गणपति देवस्थान में हुई ‘महाराष्ट्र मंदिर न्यास परिषद’ में राज्य के 650 से अधिक मंदिरों के न्यासी तथा पुजारी सम्मिलित हुए थे । इस समय महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किए गए । इनमें प्रमुख रूप से राज्य के प्राचीन तथा पुरातन मंदिरों का संवर्धन एवं जीर्णाेद्धार किया जाए; मंदिरों की भूमि पर हुए सभी अतिक्रमण हटाए जाएं; अनेक मंदिरों एवं तीर्थक्षेत्रों के परिसर में बीयर बार, शराब की दुकानें, मांस बिक्री बहुत बढ गई है । इसलिए मंदिरों की पवित्रता बनाए रखने हेतु मंदिर से 500 मीटर पूर तक मद्य-मांस पर प्रतिबंध लगाया जाए; तीर्थक्षेत्र पूर्णतः ‘मद्य-मांस मुक्त’ किए जाएं; मंदिर के पुजारियों की समस्याएं सुलझाने के लिए ‘मुंबई सार्वजनिक न्यास व्यवस्था कानून’ में सुधार किया जाए, साथ ही महाराष्ट्र मंदिर महासंघ के अंतर्गत राज्य के अनेक प्रमुख मंदिर मिलकर कार्य कर रहे हैं, इसलिए शासन महासंघ को ‘अधिकृत संगठन’ घोषित करे आदि प्रस्ताव तथा मांगें मुख्यमंत्री के साथ हुई बैठक में की गईं ।
इसी के साथ तुळजापुर देवस्थान में हुए अलंकारों के घोटाले के संदर्भ में जांच के लिए पुलिस निरीक्षक श्रेणी के अधिकारी के स्थान पर वरिष्ठ अधिकारी से जांच करवाएं; पंढरपुर, शिर्डी, श्री महालक्ष्मी देवस्थान, श्री सिद्धिविनायक आदि सरकारीकरण हो चुके मंदिरों में हो रहे घोटालों तथा आर्थिक अनियमितताओं को देखते हुए सर्वाेच्च न्यायालय के आदेशानुसार मंदिरों को सरकारीकरण से मुक्त कर भक्तों को सौंप दिया जाए, ऐसी मांग भी की गई ।
इस समय मंदिरों के न्यासियों में नागपुर के श्रीसिद्धारुढ मंदिर के प्रकाश तपस्वी, श्रीसंकटमोचन पंचमुखी हनुमान मंदिर के दिलीप कुकडे, प्राचीन शिवमंदिर के एड्. ललित सगदेव, श्रीरामचंद्र मंदिर सेवा समिति के एड्. शैलेश जैस्वाल, हिलटॉप दुर्गा मंदिर के महादेव दमाहे, धामंत्री संस्थान के कैलाशकुमार पनपालीया, श्रीराम मंदिर संस्थ के हरिदास नानवटकर, श्री पिंगळादेवी संस्थान के विनीत पाखोडे तथा श्री रमणा मारुति मंदिर के राजेश धांडे आदि उपस्थित थे ।