बेंगलुरू (कर्नाटक): हिन्दुओं की संगठित शक्ति का सबसे बडा उदाहरण है २२ जनवरी को अयोध्या में हो रहे श्रीराममंदिर का उद्घाटन तथा श्रीरामलला की मूर्ति की प्रतिष्ठापना ! वर्ष २०१६ में रायचूर में मिनार का नवीनीकरण करते समय वहां मदिर का एक स्तंभ दिखाई दिया । उसी प्रकार से मंगलुरू में एक मस्जिद का नवीनीकरण करते समय वहां मंदिर के अवशेष मिले । हिन्दू संगठनों ने जिस प्रकार संगठित होकर श्रीराममंदिर का निर्माण किया, उसी प्रकार से अन्यत्र भी मंदिरों का निर्माण करना क्यों नहीं संभी होगा ?, यह प्रश्न हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे ने उठाया ।
कर्नाटक मंदिर-मठ एवं धार्मिक संस्था महासंघ तथा हिन्दू जनजागृति समिति के संयुक्त आयोजन में १६ एवं १७ दिसंबर को बेंगलुरू के ‘गंगम्मा तिम्मय्या कंवेशन सेंटर’ में आयोजित राज्यस्तरीय मंदिर परिषद को संबोधित करते हुए वे ऐसा बोल रहे थे । आदिचुंचनगिरी मठ के पू. श्री श्री सौम्यनाथ स्वामीजी, भारतीय संप्रदाय ट्रस्ट के डॉ. महर्षि महर्षी गुरुजी, अधिवक्ता श्री. अशोक हारंहळ्ळी एवं सनातन संस्था के पू. रमानंद गौडाजी ने परिषद का उद्घाटन किया ।
Hindu Janajagruti Samiti successfully organised Two Days Temple Convention in bengaluru & 800+ TEMPLES Delegates attended this convention
Demand
1.Govt should reserve funds for renovations of Ancient temples2. Govt. Should utilise Temples Money only for development of Temples pic.twitter.com/HJ6iDM6ofI
— 🚩Mohan gowda🇮🇳 (@Mohan_HJS) December 17, 2023
राज्य के ५०० मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का संकल्प लेंगे ! – श्री. मोहन गौडा, राज्य प्रवक्ता, हिन्दू जनजागृति समिति
आज प्रत्येक क्षेत्र में एक शिष्टाचार चलता है । पुलिस, सरकारी कार्यालयों, विद्यालयोंसहित अनेक स्थानों पर संबंधित गणवेश पहनकर ही जाना पडता है । तो इसी प्रकार से हिन्दुओं के मंदिरों में जाने के लिए भी एक वस्त्रसंहिता होनी चाहिए । मंदिरों के लिए वस्त्रसंहिता लागू की गई, तो उससे दर्शनार्थियों को मंदिर की सात्त्विकता का संपूर्ण लाभ मिल सकता है । इसलिए आनेवाले समय में हम सभी एकजुट होकर कर्नाटक राज्य में स्थित ५०० मंदिरों में वस्त्रसंहिता लागू करने का संकल्प लेंगे ।
संतों के संदेशों का वाचन तथा वीडियो के द्वारा प्रसारण !
परिषद के आरंभ में इस परिषद के उपलक्ष्य में सनातन संस्था के संस्थापक सच्चिदानंद परब्रह्म डॉ. जयंत आठवलेजी द्वारा भेजे गए संदेश का वाचन किया गया । इसके साथ ही ‘जगद्गुरु शंकराचार्य दक्षिणाम्नाय श्री शारदा पीठ, शृंगेरी’ के श्री श्री विधूशेखर भारती स्वामीजी तथा रामचंद्रापुर मठ के श्रीमद् जगद्गुरु शंकराचार्य श्री राघवेंद्र भारती स्वामीजी द्वारा दिए गए संदेशों के वीडियो दिखाए गए ।
वर्ष २०२४ के कन्नड सनातन पंचांग एप का लोकार्पण
इस अवसर पर मान्यवरों के हस्तों वर्ष २०२४ के कन्नड भाषा के सनातन पंचांग एप का लोकार्पण किया गया ।
हिन्दू जनजागृति समिति के कन्नड भाषा के जालस्थल का लोकार्पण !
इस शुभ अवसर पर मान्यवरों के हस्तों हिन्दू जनजागृति समिति के कन्नड भाषा के जालस्थल का भी लोकार्पण किया गया । इसके कारण अब हिन्दी, अंग्रेजी एवं मराठी भाषा के उपरांत कन्नड भाषी धर्मप्रेमियों को भी हिन्दू धर्म पर हो रहे आघातों, हिन्दूसंगठन, धर्मशिक्षा आदि विषयों के संबंध में उनकी मातृभाषा में मार्गदर्शन मिल पाएगा । इसके साथ ही जालस्थल की ओर से चलाए जानेवाले जागृति के अभियानों में भी वे बडी सहजता से सहभागी हो पाएंगे ।
हिन्दू जनजागृति समिति का जालस्थल वर्ष २००७ से कार्यरत है तथा इसके माध्यम से विगत १६ वर्षाें से संपूर्ण विश्व के करोडों हिन्दुओं में धर्म के प्रति जागृति आई है । सहस्रों हिन्दुओं ने जालस्थल के माध्यम से संपर्क कर धर्मकार्य में अपना योगदान देना भी आरंभ किया है । इसके अंतर्गत अनेक अधिवक्ता, डॉक्टर, अभियंता, प्राध्यापक, उद्योगपति, सेवानिवृत्त सेनाधिकारी, छात्र जैसे विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत हिन्दुओं का समावेश है । केवल भारत ही नहीं, अपितु नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका, सिंगापुर, थाईलैंड, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जर्मनी, ब्रिटेन, स्वीडन, अमेरिका, कनाडा आदि अनेक देशों से इस जालस्थल से संपर्क किया गया है । इससे समिति के कार्य के प्रति हिन्दू समाज में समाहित विश्वास ध्यान में आता है ।
कन्नड भाषा के नए जालस्थल की मार्गिका : HinduJagruti.org/kannada
Source: Sanatan Prabhat