ज्येष्ठ कृष्ण १४, कलियुग वर्ष ५११५
हिंदुओ, इस सफलताके लिए श्रीकृष्णके चरणोंमें कृतज्ञता व्यक्त करें !
कराड (जनपद सातारा) : मिरजसे आकर कुछ ईसाई यहांके दो स्थानोंपर प्रार्थनासभा आयोजित करते थे । इस प्रार्थनाके लिए सर्व हिंदुओंको ही आमंत्रित कर उन्हें विभिन्न प्रलोभन दिखाए जाते थे । अतः इस प्रार्थनासभाके स्थानोंके मालिकोंका प्रबोधन कर उसे हिंदूनिष्ठोंद्वारा रोका गया । ( हिंदू धर्मपरिवर्तन हेतु ईसाईयोंका षडयंत्र वैध मार्गसे विफल करनेवाले कराडके हिंदूनिष्ठोंका अभिनंदन ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
१. कृष्णा रुग्णालयके सामने डी.एम.एस. व्यापारी संकुलके दूसरे तल्लेपर तथा कोल्हापुर नाकाके पूजा चेंबर्सकी दुकानके खानेमें इन प्रार्थनासभाओंका आयोजन किया जाता था । इस दुकान खानेके मालिक अनुक्रमसे सांगलीके श्री. परांजपे एवं कराडके श्री. शेवाळे हैं ।
२. इन सभाओंके लिए निर्धन तथा त्रस्त हिंदुओंको आमंत्रित किया जाता था । उन्हें विभिन्न प्रलोभन दिखाकर प्रार्थना करनेके लिए बताया जाता था । यह ईसाईयोंद्वारा उनका धर्मपरिवर्तन करनेका ईसाईयोंका षडयंत्र था ।
३. इस संदर्भमें हिंदूनिष्ठोंको सूचना प्राप्त हुई । मनसेके नगरसेवक श्री. दादासाहेब शिंगण एवं हिंदूनिष्ठ श्री. चंद्रकांत पवारद्वारा यह प्रार्थना रोकनेके लिए बताया गया; किंतु ईसाईयोंद्वारा इस बातको ईसाईयोंद्वारा अस्वीकार किया गया । ( आजतक राजनेताओने केवल अल्पसंख्यकोंकी ही चापलूसी की है, इसीलिए ईसाई अशिष्ट हुए हैं । हिंदुओंकी दुकान खानेमें हिंदुओंको ही फंसाकर धर्मपरिवर्तन करनेका षडयंत्र कर हिंदूनिष्ठोंकी परवाह नहीं करते । अतः हिंदुओंको संगठितरूपसे इस प्रकारके ईसाईयोंका विरोध करना चाहिए ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
४. तदुपरांत श्री. शिंगण एवं श्री. पवारद्वारा हिंदू जनजागृति समितिके श्री. मनोहर जाधवको संपर्क कर इस संदर्भमें सूचना दी गई ।
५. श्री. जाधवने उन दोनों दुकान खानेके मालिकोंके भ्रमणभाष प्राप्त कर उन्हें संपर्क किया ।
६. कराड आनेके पश्चात श्री. परांजपेने श्री. जाधवको बुलाया । श्री. जाधवने उन्हें पूरे प्रकरण, ईसाईयोंके धर्मपरिवर्तनका षडयंत्र आदि विषयमें जानकारी दी । उन्हें हिंदू जनजागृति समितिके धर्मपरिवर्तनके विरोधमें लिखे गए ग्रंथ भी प्रदान किए । ये सारी बातें ज्ञात होनेके पश्चात श्री. परांजपेने बताया कि ‘ईसाईयोंको त्वरित प्रार्थना बंद करनेके लिए बताता हूं ।’ यह बताकर ईसाईयोंको उस प्रकारकी सूचना भी दी ।
७. श्री. जाधवद्वारा श्री. शेवाळेको भी संपर्क कर उनका प्रबोधन किया गया । उस समय उन्होंने भी सकारात्मक प्रतिसाद देकर यह बताया कि ‘ईसाईयोंको प्रार्थनासभा हेतु वह स्थान नहीं दूंगा ।’ इसलिए दोनों स्थानोंपर होनेवाली प्रार्थनासभाएं रुक गई हैं । ( चालाक एवं धूर्त ईसाईयोंद्वारा हिंदू धर्मपरिवर्तनका ईसाईयोंका षडयंत्र ध्यानमें आते ही त्वरित कृत्य करनेवाले श्री. परांजपे तथा श्री. शेवाळेका अभिनंदन ! इससे आगे प्रत्येक हिंदू ईसाईयोंके साथ व्यवहार करनेसे पहले क्या मैं हिंदू विरोधी कृत्यके लिए सहयोग तो नहीं कर रहा हूं, इस प्रकार दस बार विचार करें ! – संपादक, दैनिक सनातन प्रभात )
स्त्रोत : दैनिक सनातन प्रभात