Menu Close

‘महिषासुर/अंधकासुर हमारा राजा’: कर्नाटक में ‘दानव संहार’ की परंपरा के दौरान शिव-पार्वती की मूर्ति पर दूषित जल फेंका

कर्नाटक के नन्जानगुडु में एक हिन्दू पारंपरिक रीति में खलल डालने का वीडियो सामने आया है। वहाँ हर साल माता पार्वती और भगवान शिव के हाथों दानव अंधकासुर के वध को दिखाने और दानव के वध का उत्सव मनाने का रिवाज है। इस साल भी ऐसा ही किया जा रहा था। इसी दौरान विरोध कर रहे कुछ लोगों ने मूर्तियों पानी फेंक दिया। इस मामले में FIR दर्ज करवाई गई है।

दरअसल, कर्नाटक के मैसूरू में नन्जानगुडु में कंटेश्वरा प्रभु का मंदिर है। कंटेश्वरा या नन्जुन्देश्वरा को भगवान शिव का रूप माना जाता है। नंजू माने कन्नड़ में विष पीना होता है। इस मंदिर में हर वर्ष ‘अंधकासुर संहार’ की परम्परा रही है। इसमें भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों द्वारा मंदिर के पास स्थित राक्षस मंडप के पास अंधकासुर की रंगोली को बिगाड़ा जाता है।

इस दौरान प्रदर्शित किया जाता है कि प्रभु ने दानव का संहार किया। हालाँकि, इस बार इस परम्परा पर बवाल हो गया है। ‘दलित संघर्ष समिति’ नाम के एक संगठन ने इस परम्परा को रोकने की माँग की है। समिति का कहना है कि यह अंधकासुर/महिषासुर उनका राजा था। इसलिए इस रिवाज से उनकी भावनाएँ आहत होती हैं।

जब २७ दिसम्बर २०२३ की शाम को नन्जानगुडु में भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्तियों को लाया गया तो कुछ उपद्रवियों ने उन मूर्तियों पर पानी फेंक दिया। सोशल मीडिया पर इस घटना को लेकर लोगों में आक्रोश दिख रहा है। सोशल मीडिया यूजर्स आरोप लगा रहे हैं कि पानी में थूक भी मिलाया गया था।

यह पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई है। इस मामले को लेकर एक भक्त ने दलित संघर्ष समिति के विरुद्ध पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। पुलिस के पास दर्ज करवाई गई FIR में पाँच लोगों का नाम लिया गया है। जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, उनके नाम हैं- बलाराजू, नारायण, नागभूषण, नतेश और अभि।

यह अनुष्ठान पूरे क्षेत्र में, विशेषकर गांवों में मनाया जाता है। भक्त अपनी परम्परा में खलल डाले जाने पर काफी आक्रोशित हैं। पुलिस अब मामले की जाँच कर रही है।

स्त्रोत : आॅप इंडिया 

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *