भारत में धीरे-धीरे गुलामी की मानसिकता को दिखाने वाली निशानियों को त्यागा जा रहा है। इसी कड़ी में नौसेना ने भी एक कदम बढ़ाया है।
भारतीय नौसेना ने अपने टॉप अधिकारियों के लिए नए एपॉलेट्स को पेश किया है, जिन्हें वर्दी पर लगाया जाएगा। एपॉलेट्स नौसेना के अधिकारियों के जरिए पहनी जाने वाली वर्दी के कंधे पर लगाया जाने वाला एक तरह का सजावटी चिह्न होता है। नौसेना ने छत्रपति शिवाजी की राजमुद्रा से प्रेरणा लेते हुए एपॉलेट्स के नए डिजाइन को लॉन्च किया है, जिसे अब अधिकारियों को पहनना है। राजमुद्रा पर संस्कृत में शाहसूनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते लिखा रहता था।
As we usher in the new year #2024, #IndianNavy proudly unveils the new Design of Admirals' Epaulettes. Announced by @PMOIndia during #NavyDay2023 at Sindhudurg – the 🛑 in the new Design, drawn from the Naval Ensign & inspired from Rajmudra of #ChhatrapatiShivajiMaharaj, is a… pic.twitter.com/Ssxq8ZLOZd
— SpokespersonNavy (@indiannavy) December 29, 2023
दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 4 दिसंबर को महाराष्ट्र के सिंधुदुर्ग में नौसेना दिवस पर एपॉलेट्स के नए डिजाइन को पेश किए जाने का ऐलान किया था। नए डिजाइन वाले एपॉलेट्स को एडमिरल, वाइस-एडमिरल और रियर एडमिरल रैंक के लिए जारी किया गया है। नौसेना में ये तीन सबसे ऊंची रैंक होती हैं। पीएम मोदी पहले ही कह चुके हैं कि गुलामी की मानसिकता वाली निशानियों को आने वाले वक्त में त्याग दिया जाएगा। ये उस दिशा में बढ़ाया गया एक कदम है।
नौसेना ने कहा- एपॉलेट्स दिखाता है हमारी समुद्री विरासत
नए एपॉलेट्स में मराठा शासक शिवाजी की समुद्री विरासत का प्रतिबिंब गुलामी की मानसिकता को छोड़ने की एक कोशिश है। नए डिजाइन में इस मानसिकता को लेकर एक नेल्सन रिंग भी है, जो अंग्रेजों की गुलामी से आजादी के बारे में बात करती है। नौसेना ने एपॉलेट्स की तस्वीरों को शेयर करते हुए कहा कि नया डिजाइन नौसेना ध्वज से लिया गया है और छत्रपति शिवाजी महाराज की राजमुद्रा से प्रेरित है। यह हमारी समृद्ध समुद्री विरासत को प्रतिबिंबित करता है।
एपॉलेट्स के डिजाइन में शामिल चिह्नों का क्या मतलब है ?
सुनहरा नेवी बटन: ये निशान गुलामी की मानसिकता को खत्म करने की बात को दोहराता है।
ओक्टागोन: ये आठ दिशाओं को दिखाता है, जो नौसेना की सर्वांगीण दीर्घकालिक दृष्टि को दर्शाने का काम करता है।
भारतीय तलवार: ये निशान भारत को राष्ट्रीय शक्ति में अग्रणी बनने पर जोर देता है। इसके अलावा प्रभुत्व के जरिए युद्ध जीतने, विरोधियों को हराने और आने वाली चुनौतियों से निपटने के नौसेना के उद्देश्य पर जोर देने काम करता है।
दूरबीन: ये निशान बदलती दुनिया में दीर्घकालिक दृष्टि, दूरदर्शिता और मौसम पर नजर रखने का प्रतीक है।
वहीं, नौसेना ने अंग्रेजों के जरिए विरासत में मिली नाविकों के रैंक की भी समीक्षा कर ली है। नौसेना औपनिवेशिक सैन्य परंपराओं को खत्म करने के बड़े अभियान पर काम कर रही है। इसके एक हिस्से के रूप में नाविकों की रैंक को भारतीय नामों से बदल दिया जाएगा। इस तरह 65 हजार से ज्यादा नाविकों को नई रैंक मिलेगी।
स्त्रोत : ABPLIVE