फोंडा (गोवा) : मंदिर की पवित्रता टिकाए रहने के लिए फोंडा तालुका के अनेक मंदिरों ने १ जनवरी से वस्त्रसंहिता का कठोर पालन करने का निर्णय लिया है । मंदिर में शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट्स मिडीज, स्लीवलेस टॉप्स (हाथ की बाहें बिना वस्त्र), लो राईज जीन्स (कमर के नीचे पहनी जानेवाली पैंट) एवं शॉर्ट टी शर्ट्स (तंग कपडे) आदि प्रकार के वस्त्र परिधान करनेवालों को मंदिर में प्रवेश करने से रोका जानेवाला है । मंदिर में प्रवेश करते समय योग्य वस्त्र परिधान न करनेवालों को मंदिर समिति द्वारा अंग ढकने के लिए उपरण एवं लूंगी उपलब्ध करवाई जानेवाली है । संबंधित व्यक्ति लूंगी और उपरण परिधान कर मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे ।
फोंडा तालुका में श्री रामनाथ देवस्थान के अध्यक्ष श्री. वल्लभ कुंकळ्ळीकर ने इस विषय में बताया कि १ जनवरी से वस्त्रसंहिता का कठोरता से पालन किया जाएगा । इससे संबंधित जानकारी हमने मंदिर के सूचना फलक पर (नोटिस बोर्ड पर) लगाई है । यह नोटिस मंदिर में आनेवाले पर्यटकों का प्रबोधन करने के लिए लगाई गई है । बहुतांश बार पर्यटक मंदिर में आते समय अयोग्य प्रकार के कपडे परिधान करके आते हैं । मंदिर की पवित्रता टिके रहने के लिए देवस्थान समिति ने वस्त्रसंहिता के संदर्भ में ऐसा निर्णय लेने से धीरे-धीरे पर्यटकों का भी प्रबोधन होकर उनमें योग्य परिवर्तन होगा । ‘यह नियम प्रौढों के लिए लागू होगा । १० वर्ष से कम आयु के बच्चों पर यह नियम लागू नहीं है । श्री. कुंकळ्ळीकर ने स्पष्ट किया कि मंदिर में प्रवेश करने से किसी को भी रोका नहीं जाएगा ।
माशेल के श्री देवकीकृष्ण रवळनाथ देवस्थान में लगाया वस्त्रसंहिता का फलक
श्री मंगेश देवस्थान ने १० वर्षाें पूर्व वस्त्रसंहिता अनुपालन का निर्णय लिया था । इस विषय में देवस्थान समिति के अध्यक्ष श्री. अजित कंटक ने कहा, ‘‘इससे पूर्व वस्त्रसंहिता का निर्णय लिया तो था; परंतु उसका कठोरता से पालन नहीं हो रहा था । अब कठोरता से उसका पालन किया जाएगा । कुछ महिलाएं अल्प और तंग वस्त्रों में मंदिर में प्रवेश करती हैं । मंदिर ‘फैशन शो’ करने का स्थान नहीं है; अपितु पूजा और ध्यानधारणा का स्थान है । मंदिर में प्रवेश करनेवालों को भारतीय पोशाक परिधान करना चाहिए ।