जलगांव में हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में ६ सहस्र ५०० धर्मप्रेमियों की उपस्थिति !
जलगांव, २४ दिसंबर (वार्ता.) -हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से २४ दिसंबर को सायं ५.३० बजे शिवतीर्थ मैदान पर आयोजित की हुई हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा के लिए ६ सहस्र ५०० धर्मप्रेमियों की उपस्थिति थी । इस सभा में युवकों संख्या लक्षणीय थी । इस सभा में भूतपूर्व प्रशासकीय अधिकारी एवं चाणक्य मंडल परिवार के संस्थापक श्री. अविनाश धर्माधिकारी ने उपस्थितों को संबोधित करते हुए प्रतिपादित किया, ‘‘हिन्दू होने का अर्थ क्या है ? तो ‘नमस्ते’ एवं ‘सर्वेत्र सुखिन: सन्तु &..’ ये दो प्रार्थनारूपी मंत्र हिन्दू धर्म की समानता व्यक्त करते हैं । ये सूत्र जगत के सबसे प्राचीन धर्म की शाश्वत संस्कृति बतानेवाले हैं; परंतु खेद की बात है कि हिन्दुओं को पराभव का विकृत इतिहास बताया जाता है । सभी यदि ‘हिन्दू संस्कृति’ समझ लें और उस अनुसार आचरण करना प्रारंभ करें, तो ‘सनातन हिन्दू राष्ट्र भारत’ विश्वगुरु बनेगा !’’
हिन्दू राष्ट्र-जागृति सभा में सहस्रों हिन्दुओं ने संगठित होकर हिन्दू राष्ट्र स्थापना के लिए सक्रिय होने का निर्धार किया । जलगांव जिले के हिन्दुओं पर विविध आघातों को उजागर करने के लिए यह सभा महत्त्वपूर्ण सिद्ध हुई ।
इस सभा के माध्यम से सनातन के सद्गुरु नंदकुमार जाधव, हिन्दू जनजागृति समिति के महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक श्री. सुनील घनवट, हिन्दू विधिज्ञ परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष तथा अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर ने उनके ओजस्वी भाषणों से उपस्थित हिन्दुओं में हिन्दू राष्ट्र स्थापना का बीज अंकुरित किया । इस सभा के लिए विविध हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन एवं राजकीय पक्षों के पदाधिकारी, कार्यकर्ताओं के साथ शहर एवं आसपास के गांवों के धर्माभिमानी हिन्दू सहस्रों की संख्या में उपस्थित थे ।
ऐसे संपन्न हुई सभा !
१. प्रारंभ में श्री. नीलेश तांबट द्वारा किए शंखनाद के उपरांत मान्यवर वक्ताओं के हस्तों दीपप्रज्वलन हुआ । मान्यवरों ने छत्रपति शिवाजी महाराजजी की मूर्ति को पुष्पहार अर्पण किया ।
२. वेदमूर्ति पुरुषोत्तम शुक्ल, श्रीराम जोशी, गजानन फडे, लोकेश जोशी एवं प्रवीण जोशी ने वेदमंत्रपठन किया ।
३. हिन्दू जनजागृति समिति के कार्य का ब्योरा हिन्दू जनजागृति समिति के जलगांव जिला समन्वयक श्री. प्रशांत जुवेकर ने प्रस्तुत किया ।
४. सूत्रसंचालन एवं आभार प्रदर्शन समिति की कु. प्रतीक्षा कोरगावकर ने किया ।
५. इस अवसर पर मान्यवरों के हस्तों सनातन का ग्रंथ ‘आचरणातून आणि सूक्ष्मातून शिकवणे’ (मराठी भाषा में) अर्थात ‘आचरण से एवं सूक्ष्म से सिखाना’ का लोकार्पण किया गया ।
मान्यवरों के ओजस्वी भाषण !
डॉ. दाभोलकर, कॉ. पानसरे हत्या प्रकरणों में अकारण ही उलझाई गई सनातन संस्था को न्याय मिलेगा एवं साधक निर्दोष मुक्त होंगे ! – सद्गुरु नंदकुमार जाधव, धर्मप्रचारक, सनातन संस्था
समाज में जो कोई सनातन धर्मरक्षा का कार्य करता है, उसे ‘भगवा आतंकवादी’ संबोधित कर, हिन्दुओं को दबाने का षड्यंत्र शुरू है । अंनिस के डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, कॉ. गोविंद पानसरे की हत्या हुई । आधुनिकतावादी एवं साम्यवादियों ने अकारण सनातन संस्था को दोषी ठहराया; जबकि संस्था का इन प्रकरणों से तिलमात्र भी संबंध नहीं है । पुलिस ने सनातन के ७०० निष्पाप साधकों की छानबीन कर, अकारण उन्हें कष्ट दिया । डॉ. दाभोलकर हिन्दुओं की धर्मश्रद्धाओं को ‘अंधश्रद्धा’ कहते थे । उन्होंने कानून का उल्लंघन कर, विदेश से लाखों रुपयों का चंदा (डोनेशन) लिया । उनके न्यास में प्रचंड आर्थिक घोटाले हुए । नक्सलवादियों से संबंधित संगठनों की सूची में भी उनके संगठन का नाम था; परंतु उनका अन्वेषण न करते हुए केवल सनातन को लक्ष्य (टार्गेट) किया गया । वही बात कॉ. गोविंद पानसरे हत्याकांड में भी हुई । इन हत्याओं के प्रकरण में सनातन को दोषी ठहराया गया; परंतु न्यायदेवता एवं ईश्वर पर हमारी श्रद्धा है । सनातन को संतों के आशीर्वाद प्राप्त हैं । इसलिए हमें न्याय मिलेगा और हमारे साधक निर्दोषमुक्त होंगे ।
जलगांव जिले के वक्फ बोड द्वारा अतिक्रमण की (हथियाई) हुई भूमि को पुन: प्राप्त करने के लिए संघर्ष करें ! – सुनील घनवट, महाराष्ट्र एवं छत्तीसगढ राज्य संगठक, हिन्दू जनजागृति समिति
इस भूमि ने रामराज्य, मौर्य शासन, विजयनगर का साम्राज्य, हिन्दवी स्वराज्य देखा और अब श्रीराममंदिर की स्थापना होने पर रामराज्य भी देखनेवाले हैं । उत्तरप्रदेश में योगी सरकार ने जिसप्रकार हलाल प्रमाणित उत्पादों पर प्रतिबंध लगाया, उसीप्रकार अब छत्तीसगढ सरकार भी करनेवाली है । अब महाराष्ट्र सरकार को भी यह निर्णय लेना चाहिए । वक्फ बोर्ड ने देश की ढेर सारी भूमि हथिया ली है । सावदा एरंडोल का पांडववाडा, पारोळा में भोई समाज की स्मशानभूमि एवं कानलदा की ९ एकड कृषिभूमि पर भी वक्फ बोर्ड ने दावा किया है । इस भूमि को पुन: प्राप्त करने के लिए हिन्दुओं को कानूनन संघर्ष करना होगा । श्रीराममंदिर में रामलला की प्राणप्रतिष्ठा होनेवाली है । अब रामराज्य के लिए वानरसेना बनकर, कार्य का प्रारंभ करेंगे । अर्जुन एवं छत्रपति शिवाजी महाराज समान शारीरिक सामर्थ्य के साथ ही आध्यात्मिक बल बढाकर, हिन्दू राष्ट्र के लिए सक्रिय होंगे । इसके लिए शक्ति की उपासना करेंगे । ‘श्रीराम मंदिर तो झांकी है, अभी मथुरा-काशी बाकी है ।’ देशभर के ४ लाख ५० सहस्र मंदिरों को मुक्त करने के लिए हमें संघर्ष करना है ।
पाकिस्तान एवं बांगलादेश की हिन्दू महिलाओं को मुक्त करवाने के लिए आंदोलन श्रीराममंदिर से आरंभ हो ! – अधिवक्ता वीरेंद्र इचलकरंजीकर, अध्यक्ष, हिन्दू विधिज्ञ परिषद
मैं यहां शौर्यजागृति पर बोलने नहीं आया, अपितु हिन्दू समाज को उनके घाव दिखाने आया हूं । हमें केवल ५ वर्षाें में एक बार ही मत देना है, ऐसा न होते हुए अब हमें भी लढना है । यह लडाई कैसी है ? यह भी ध्यान में रखना है । जनवरी २०२४ में अयोध्या में श्रीरामलला की प्राणप्रतिष्ठापना होगी । श्रीराममंदिर कोई ‘टूरिजम स्पॉट’ (पर्यटन क्षेत्र) नहीं है । ‘रावण का वध करनेवाले श्रीराम !’ यही प्रभु राम की पहचान है । अब प्रश्न यह है कि आज भारत, पाकिस्तान एवं बांगलादेश में हिन्दू स्त्रियों का अपहरण हो रहा है, ऐसे में हमें श्रीराममंदिर से क्या चाहिए ? रावण ने सीता का अपहरण किया था, तब श्रीलंका में जाकर सीता को पुन: लेकर आनेवाले हनुमानजी को श्रीराम ने उनके सामर्थ्य का भान करवाया । उसीप्रकार हमें भी हनुमान जैसे बनना चाहिए और ऐसी वानरसेना बननी चाहिए कि आवश्यकता पडने पर पाकिस्तान एवं बांगलादेश में घुसकर हिन्दू महिलाओं को मुक्त कर पाए । उन देशों को डंके की चोट पर बताना होगा कि ‘हिन्दू महिलाएं उनकी जागीर नहीं हैं ।’ मंदिर से ऐसे संस्कार होने चाहिए । हमारी इच्छा है कि ‘श्रीराममंदिर से यह आंदोलन आरंभ हो !
देश में समान नागरी कानून लागू होना चाहिए ! – अविनाश धर्माधिकारी, संस्थापक-संचालक, चाणक्य मंडल परिवार
सभी में एक ही ईश्वर व्याप्त है । हम उसी के अंश हैं । ‘नमस्कार’ अर्थात ‘मुझमें विद्यमान ईश्वरत्व का आप में विद्यमान ईश्वर को प्रणाम !’ ऐसा उसका अर्थ है । भारत का अध्यात्म विचार विज्ञाननिष्ठ है । ‘संपूर्ण विश्व का कल्याण हो’, यही खरी हिन्दू संस्कृति है । ‘ईसाई एवं मुसलमान आक्रमकों ने देश समृद्ध किया’, ऐसा गलत इतिहास आज की शिक्षाप्रणाली द्वारा सिखाया जा रहा है । विश्वभर में सनातन संस्कृति, हिन्दू धर्म, भाषा इत्यादि के विषय में विकृत अर्थ का प्रसार कर हिन्दुओं में न्यूनगंड निर्माण करने का प्रयत्न किया जा रहा है । बौद्ध, सिक्ख एवं जैन, ये पंथ भी हिन्दू धर्म से संलग्न होते हुए भी संविधान में इन्हें अल्पसंख्यकों का दर्जा दिया गया है । तदुपरांत अब अनेकजन विविध संप्रदायों की मांग कर, अल्पसंख्यकों का दर्जा पाने का प्रयत्न कर रहे हैं । इस माध्यम से हिन्दू धर्म में फूट डालने का प्रयत्न हो रहा है, इसलिए इन प्रयत्नों को रोकने के लिए देश में समान नागरी कानून यथाशीघ्र लागू किया जाए ।
विशेष
१. श्री. सुनील घनवट द्वारा किए गए आवाहन के उपरांत हिन्दुओं ने भ्रमणभाष की ‘टॉर्च’का प्रकाश दिखाकर निम्नलिखित मांगों का उत्स्फूर्तता से अनुमोदन किया – ‘लव जिहाद’ एवं ‘धर्मांतर बंदी’ कानून लागू किया जाए, गोहत्या बंद हो, संपूर्ण भारत में हलाल उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाया जाए और देश को शीघ्र से शीघ्र हिन्दू राष्ट्र घोषित किया जाए !
२. ऐसा प्रतीत हो रहा था कि सभास्थल के परिसर में सभी हिन्दुओं में हिन्दुत्व जागृत होने से वीरश्री निर्माण हो गई हो ।
३. शहर के विविध भागों से धर्माभिमानी ढोल बजाते हुए सभास्थल पर पहुंचे । संपूर्ण वातावरण में उत्साह फैल गया ।
४. जलगांव के भाजपा के विधायक श्री. सुरेश (राजू मामा) भोळे ने अधिकाधिक हिन्दुओं को सभा में उपस्थित रहने का आवाहन किया था ।
ग्रामबैठकों को उत्स्फूर्त प्रतिसाद !
सभा का निमंत्रण गांव-गांव में देने के लिए शहर के निकट शिरसोली, पाळधी, लाडली, नाचणखेडा, पहूर, कानळदा, नांद्रा, आवार, धामणगाव, मन्यारखेडा, जाडगाव, बामणोद, साक्री, भुसावल, जिपरूआण्णानगर (नसीराबाद), पाडळसे, बेळी, बोरनार, मोहाडी, दापोरा, ममुराबाद, साकळी, धानोरा, पिंप्राळा, एकलग्न, आव्हाणे, चमगाव, वराड, रिंगणगाव, पिंपरी, डोणगाव, खर्ची, पथराड, शेरी, भोद, हिंगोली, पिंपळकोठा, चिंचपुरा, निमखेडी, बाभूळगाव, वैजनाथ, सातखेडा, वंजारी, म्हसावद, हनुमानखेडा, टाकळी, टाकरखेडा, पिंपळेसिम, बांभोरी, खेडी, मुसळी आदि गांवों में ग्रामबैठकें ली गईं । इन बैठकों को ग्रामस्थों का उत्स्फूर्त प्रतिसाद मिला ।
सभास्थल पर आकर्षक बालकक्ष !
सभा के प्रवेशद्वार के निकट क्रांतिकारियों की यशोगाथा एवं धर्माचरण का महत्त्व विषद करने के लिए बालसंस्कार कक्ष बनाया गया था । बालकों ने क्रांतिकारियों एवं पारंपरिक वेशभूषा परिधान की थी और घोषणा दे रहे थे ।
सभा के लिए उपस्थित प्रतिष्ठित : महाराष्ट्र के जलआपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री तथा जलगांव के अभिभावक मंत्री (्Guardian minister) गुलाबराव पाटील, बजरंग दल के जिला संयोजक श्री. ललित चौधरी, ओंकारेश्वर देवस्थान के श्री. दीपक जोशी, नगरसेवक श्री. कैलास आप्पा सोनवणे
सभा के लिए उपस्थित संत एवं महंत : श्रीराम मंदिर देवस्थान के श्री. राम जोशी, ह.भ.प. मुकुंद धर्माधिकारी, श्री स्वामी नारायण मंदिर के स्वामी नयन प्रकाशदासजी महाराज, भारताचार्य ह.भ.प. शामजी महाराज राठोड, इस्कॉन मंदिर के चैतन्यदासजी महाराज, ब्रह्मपुर के गणपति मंदिर के श्री. बाल्या महाराज
सम्मिलित हिन्दुत्वनिष्ठ एवं धार्मिक संगठन : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, बजरंग दल, हिन्दू राष्ट्र सेना, श्री शिवप्रतिष्ठान हिन्दुस्थान, योग वेदांत सेवा समिति, धर्मरथ फाउंडेशन, रौद्र शंभू फाउंडेशन, सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडल