हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन की उत्तर गोवा के अतिरिक्त जिलाधिकारी से मांग
पणजी : भोले-भाले हिन्दुओं का धर्मांतर कर, गोवा के घर-घर में अशांति निर्माण करनेवाले ‘बिलीवर्स’के पास्टर डॉम्निक को गोवा से तडीपार करें, इसके साथ ही गोवा में धर्मांतरविरोधी कानून बनाया जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति एवं हिन्दुत्वनिष्ठ संगठन ने १ जनवरी को उत्तर गोवा के जिलाधिकारी केदार नाईक से मिलकर उनसे एक निवेदन द्वारा की है । इस अवसर पर हिन्दू जनजागृति समिति के शिष्टमंडल में ‘करनी सेना’के सर्वश्री संतोष राजपूत, ‘शिवप्रतिष्ठान हिंदुस्थान-डिचोली’के रोहन शिरगावकर, पर्वरी के श्री रामवडेश्वर देवस्थान के आनंद मांद्रेकर, आशीष कोचरेकर, सुशांत भोसले, सुजय ताम्हणकर, तनय कांदोळकर, म्हापसा के शिवप्रेमी विनोद वारखंडकर, गोमंतक मंदिर महासंघ के सचिव जयेश थळी, हिन्दू जनजागृति समिति के उत्तर गोवा समन्वयक श्री. गोविंद चोडणकर, ‘रणरागिणी’की श्रीमती राजश्री गडेकर, श्रीमती नेहा गोवेकर, श्रीमती बबिता सावंत आदि उपस्थित थे ।
![](https://static.sanatanprabhat.org/wp-content/uploads/sites/3/2024/01/02074813/goa_collector_nivedan_hjs_and_others.jpg)
निवदेन में कहा है कि जगभर में गोमंतक की छवि कुछ ऐसी है कि ‘परशुरामभूमि के रूप में पहचाने जानेवाले गोमंतक में सभी धर्म के लोक धार्मिक सौहार्द टिकाए रखते हुए प्रेम और अपनेपन से रहते हैं’; परंतु गत कुछ वर्षाें से निरंतर हिन्दुओं का धर्मांतर करनेवाले ‘बिलीवर्स’के कारण गोवा का धार्मिक सौहार्द बिगड गया है ।
‘बिलीवर्स’के गोवा में सडये, शिवोली में ‘फाइव पिलर्स चर्च’ प्रमुख स्थान है । यह स्थान हिन्दुओं के धर्मांतर करने का एक अड्डा ही है । ‘बिलीवर्स’के पास्टर डॉम्निक’ को १ जनवरी २०२४ को सवेरे पुन: एक बार पुलिस ने बंदी बनाया है । यह कार्रवाई ‘धर्मांतर और जादूटोना प्रकरण’ के अंतर्गत हुई है । पास्टर डॉम्निक के विरोध में यह तीसरा अपराध प्रविष्ट हुआ है । यह अपराध पास्टर डॉम्निक की पत्नी के विरोध में भी प्रविष्ट है । धर्मांतरविरोधी कानून गोवा में न होने से ‘बिलीवर्स’के पास्टर डॉम्निक को धर्मांतर के प्रकरण में परिवाद होने पर बारंबार उसे बंदी बनाना पडता है । इसलिए देश के अन्य राज्यों समान गोवा में भी धर्मांतरविरोधी कानून बनाया जाए । ‘बिलीवर्स’के पास्टर डॉम्निक ने अब तक बलपूर्वक किए धर्मांतर और उससे एकत्र की हुई संपत्ति की कडी छानबीन की जाए ।