Menu Close

सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तरप्रदेश सरकार को हलाल सर्टिफिकेट मामले पर जारी किया नोटिस

नई दिल्ली – सर्वोच्च न्यायालय ने हलाल सर्टिफिकेट वाले उत्पादों की बिक्री, स्टोरेज और वितरण पर रोक लगाने वाली अधिसूचना को चुनौती देने वाली दो अलग-अलग याचिकाओं पर शुक्रवार को उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य से जवाब मांगा। इस दौरान न्यायालय ने याचिकाकर्ता से पूछा कि इन याचिकाओं पर न्यायालय को क्यों विचार करना चाहिए ?

पिछले साल 18 नवंबर को खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 30 (2) (ए) के तहत आयुक्त, खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन उत्तर प्रदेश के कार्यालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई थी।

न्यायालय का याचिकाकर्ता से सवाल

न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ के समक्ष जब याच‍िकाएं सुनवाई के लिए आईं तो पीठ ने उत्तर प्रदेश सरकार, केंद्र और अन्य को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगे।

पीठ ने याचिकाकर्ता के वकीलों से सवाल किया कि शीर्ष अदालत को संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत याचिकाओं पर विचार क्यों करना चाहिए और उन्हें पहले हाई न्यायालय का दरवाजा क्यों नहीं खटखटाना चाहिए?

याचिकाकर्ता के एक वकील ने दलील दी कि इस मुद्दे का देशभर में प्रभाव शामिल है और इसका व्यापार एवं वाणिज्य पर भी प्रभाव है। पीठ ने कहा,

हाई न्यायालय के आदेश का भी देशभर में असर होगा। मान लीजिए कि किसी विशेष दस्तावेज पर हाई न्यायालय रोक लगाता है तो वह देशभर में लागू होगा।

सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, अंतरराज्यीय व्यापार और वाणिज्य के मुद्दे पर हाई न्यायालय भी विचार कर सकता है। वहीं, वकील ने दलील दी कि सर्वोच्च न्यायालय को इस मुद्दे पर विचार करना चाहिए कि क्या ऐसी अधिसूचना जारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि व्यापार, वाणिज्य और धार्मिक भावनाओं पर प्रभाव के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य का मुद्दा भी था।

स्रोत : जागरण

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *