Menu Close

मॉरीशस भी हुआ राममय, प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का उत्सव मनाने के लिए विशेष छुट्टी: प्रधानमंत्री प्रविंद जगन्नाथ ने किया ऐलान

हिंदुओं का लगभग ५०० वर्षों का इंतजार खत्म होने जा रहा है। भगवान श्रीराम के नवनिर्मित मंदिर में २२ जनवरी २०२४ को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने जा रही है। इसको लेकर भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के हिंदुओं में उत्साह है। हिंदू समुदाय राममय है। हिंदुओं की बड़ी आबादी वाले देश मॉरीशस ने २२ जनवरी को छुट्टी की घोषणा की है।

मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद कुमार जगन्नाथ (Pravind Jugnauth) के नेतृत्व में मॉरीशस की कैबिनेट ने वहां हिंदू कर्मचारियों को २२ जनवरी को २ घंटे की विशेष छुट्टी दी है। इस दौरान वे रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर होने वाले स्थानीय कार्यक्रमों में भाग ले सकेंगे और लाइव टेलिकास्ट देख सकेंगे। इसके लिए मॉरीशस के हिंदू सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठनों ने माँग की थी।

प्रधानमंत्री जगन्नाथ की अध्यक्षता वाली मॉरीशस की कैबिनेट ने शुक्रवार (१२ जनवरी २०२४) को एक आधिकारिक बयान जारी किया। इस बयान में कहा गया है कि सोमवार २२ जनवरी २०२४ की दोपहर २ बजे से ४ बजे तक, दो घंटे की विशेष छुट्टी देने का फैसला किया है। भारत में अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर यह फैसला लिया गया है।

बयान में कहा गया है कि यह हिंदुओं के लिए एक ऐतिहासिक घटना है, क्योंकि यह भगवान राम की वापसी का प्रतीक है। ऐसे में मॉरीशस सरकार के हिंदू अधिकारी एवं कर्मचारी उस दिन २ घंटे की विशेष घंटे की छुट्टी पर रहेंगे। पीएम प्रविंद जुगनाथ ने कहा कि यह भावनाओं और परंपराओं के सम्मान का छोटा सा प्रयास है।

मॉरीशस में हिंदुओं की आबादी लगभग ४८.५ प्रतिशत है। यहाँ के हिंदुओं की जड़ें भारत से जुड़ी हुई हैं। अफ्रीकी महाद्वीप से सटा हिंद महासागर में स्थित बेहद खूबसूरत द्वीपीय देश मॉरीशस अकेला ऐसा देश है, जहाँ हिंदू धर्म के अनुयायी इतनी बड़ी संख्या में रहते हैं। अगर देश की आबादी के अनुपात में देखें तो भारत और नेपाल के बाद यहाँ सबसे अधिक हिंदू रहते हैं।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी २२ जनवरी को अयोध्या के नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में भगवान रामलला की मूर्ति की स्थापना में शामिल होंगे। इस समारोह में सभी क्षेत्रों की हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही इस प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में ५० से अधिक देशों के गणमान्य व्यक्तियों भी शामिल होंगे।

मंदिर के अधिकारियों के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़ा यह समारोह १६ जनवरी २०२४ से शुरू होकर सात दिनों तक चलेगा और २२ जनवरी को प्राण-प्रतिष्ठा होगी। यह अनुष्ठान वैदिक रीति-रिवाजों से होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ११ दिनों का विशेष व्रत भी रखा है।

इस भव्य समारोह में समाज के विभिन्न तबकों का प्रतिनिधित्व होगा। इसमें आने वाले लगभग ७००० मेहमानों में ४००० धर्माचार्य और लगभग ३००० अन्य लोग आएँगे। इनमें लगभग ५० पद्म सम्मानों से सम्मानित हस्तियाँ रहेंगी। इसके साथ ही इस मंदिर को बनाने वाले लगभग ३०० श्रमिकों और दान देने वाले लोगों को भी अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया गया है।

स्त्रोत : ऑप इंडिया

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *