भाजपा सांसद ने बचाई जान; रात भर रखा अपने घर
बंगाल के पुरुलिया में शुक्रवार को तीन साधुओं की निर्वस्त्र कर पिटाई कर दी गई। इन साधुओं ने किसी तरह से अपनी जान बचाई है। रांची पुरुलिया होते हुए गंगासागर के लिए निकले थे। पुरुलिया के काशीपुर के गोरांगडीह गांव में रास्ता भटक गए। इस दौरान लोगों से रास्ता पूछना इन्हें भारी पड़ गया। इस दरमियान भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो ने इनकी खूब मदद की।
महाराष्ट्र के पालघर की पुनरावृति होते-होते रह गई। बंगाल से चौंकाने वाली खबर है। बंगाल के गंगासागर जा रहे बरेली उत्तर प्रदेश के तीन साधुओं को शुक्रवार को बंगाल के पुरुलिया में स्थानीय लोगों ने निर्वस्त्र कर पिटाई कर दी। किसी तरह पुलिस ने ग्रामीणों के चंगुल से साधुओं की जान बचाई।
साधुओं का लोगों से रास्ता पूछना पड़ा भारी
आज पुरुलिया के भाजपा सांसद ज्योतिर्मय महतो तीनों साधुओं को लेकर धनबाद पहुंचे। यहां से उत्तर प्रदेश के बाॅर्डर तक साधुओं को लेकर जाएंगे। उसके आगे साधु उत्तर प्रदेश के लिए रवाना हो जाएंगे। धनबाद सर्किट हाउस पहुंचने पर साधुओं ने आपबीती सुनाई।
सुनील गोस्वामी का कहना था कि हम लोग रांची पुरुलिया होते हुए गंगासागर के लिए निकले थे। पुरुलिया के काशीपुर के गोरांगडीह गांव में रास्ता भटक गए। वहां से गुजर रहे कुछ लोगों से सही रास्ता पूछने का प्रयास किया। इतने में सिटी पुलिस वाॅलिंटियर अनवर शेख ने गाड़ी रोक ली और पूछताछ करने लगे।
ग्रामीणों को बुला लिया कि ये लोग साधु नहीं लग रहे। महिला और बच्चा उठाने वाले अपराधी हैं। इसके बाद लोग इकट्ठे होने शुरू हो गए। 100 से अधिक लोग इकट्ठे होकर हमें पीटने लगे। हमारे वस्त्र फाड़ दिए।
हमें निर्वस्त्र कर दिया। कोई भी बात सुनने को तैयार नहीं था। हमारी भाषा भी नहीं समझ पा रहे थे। बुरी तरह पिटाई की गई। हमारी गाड़ी भी तोड़ दी गई। किसी तरह पुलिस को सूचना गई और हमें थाने ले जाया गया। पुरुलिया सांसद ने रातभर अपने घर पर रखा।
बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त: सांसद
पुरुलिया सांसद ज्योतिर्मय महतो का कहना था कि बंगाल में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। दूसरी पालघर घटना होते-होते रह गई। पूरी गलती सिटी पुलिस वालंटियर अनवर शेख की है। उसी ने लोगों को इकट्ठा किया।
पुलिस उस पर कार्रवाई नहीं कर रही है। अपनी पीठ थपथपाने के लिए जो निर्दोष हैं, उन्हें गिरफ्तार किया गया है। जिन्होंने निर्वस्त्र कर साधुओं की पिटाई की उन्हें छोड़ दिया गया।
सांसद ज्योतिर्मय महतो ने की साधुओं की खूब मदद
सांसद ने आगे कहा, साधुओं को थाने में २४ घंटे से अधिक समय तक रखा गया। सूचना मिलने पर जब इन्हें निकालने का प्रयास किया तो थाने के पिछले दरवाजे से साधुओं को ले जाने लगे। किसी तरह इन्हें अपने घर पर लेकर गया।
आज सुबह सभी को मंदिर ले गए, साधुओं को नहलाया गया, नए वस्त्र दिए गए और पुरुलिया के लोगों ने इस घटना के लिए साधुओं से माफी भी मांगी। ज्योतिर्मय महतो का कहना था कि पुरुलिया के लोग साधुओं का सम्मान करते हैं। कुछ चंद लोगों की वजह से हमारा जिला और राज्य बदनाम हो रहा है। इसमें तृणमूल कांग्रेस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का बड़ा योगदान है।
स्त्रोत : जागरण