इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दी थी इजाजत
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर स्थित शाही ईदगाह ढाँचे के सर्वे पर रोक लगा दी है। दरअसल, इलाहाबाद हाई कोर्ट ने १४ दिसम्बर २०२३ को निर्णय देते हुए इस मामले में एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त करके सर्वे की इजाजत दी थी। अब हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (१६ जनवरी २०२४) को रोक लगा दी।
सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि इसकी अगली सुनवाई यहीं होने वाली है। इसलिए तब तक कृष्ण जन्मभूमि का सर्वे नहीं किया जा सकता। सर्वे पर रोक लगाने के लिए शाही ईदगाह की मस्जिद कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट के सामने याचिका डाली थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में हो सकती है, लेकिन १४ दिसम्बर २०२३ के कमिश्नर नियुक्त करने के आदेश और सर्वे को अभी रोका जा रहा है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख २३ जनवरी २०२४ तय की है। याचिका हिन्दू पक्ष की तरफ से सुप्रीम कोर्ट की अधिवक्ता रीना एन सिंह, वकील विष्णु शंकर जैन समेत ७ लोगों द्वारा लगाई गई थी।
हिंदू पक्ष की वकील रीना एन सिंह ने कहा, “शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें (मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह मस्जिद के) सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। अदालत ने हिंदू पक्ष को भी नोटिस जारी किया है और उसका जवाब माँगा है। अगली सुनवाई होगी अब २३ जनवरी को आयोजित किया जाएगा।”
VIDEO | "The top court has stayed the Allahabad High Court order that allowed a survey (of the Shahi Idgah mosque adjoining the Krishna Janmabhoomi temple in Mathura). The court has also issued a notice to the Hindu side and sought its response. The next hearing will now be held… pic.twitter.com/yygWv1Zktq
— Press Trust of India (@PTI_News) January 16, 2024
दरअसल, १४ दिसम्बर २०२३ को हिन्दू पक्ष को मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर स्थित शाही ईदगाह के सर्वे के लिए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अनुमति दे थी। कोर्ट ने इस सम्बन्ध में दायर याचिका को मंज़ूरी देते हुए इस पूरे परिसर की जाँच के लिए एक एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति की माँग को मान लिया था। इसी की देखरेख में सर्वे पूरा होना था।
हिन्दू पक्ष का कहना है कि मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बगल में बनी शाही ईदगाह ढाँचा को जबरन वही बना दिया गया, जहाँ भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू पक्ष का कहना है कि इस जगह पर कब्जा करके ढाँचा बनाया गया है। यहाँ अभी भी कई ऐसे सबूत हैं जो कि यह सिद्ध करते हैं कि यहाँ पहले मंदिर हुआ करता था।
हिन्दू पक्ष का दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था और यह जन्मस्थान शाही ईदगाह के वर्तमान ढाँचे के ठीक नीचे है। सन् १६७० में मुगल आक्रांता औरंगज़ेब ने मथुरा पर हमला कर दिया था और केशवदेव मंदिर को ध्वस्त करके उसके ऊपर शाही ईदगाह ढाँचा बनवा दिया था और इसे मस्जिद कहने लगे। मथुरा का मुद्दा नया नहीं है।
इस मामले में अदालत में कई याचिकाएँ दाखिल की गई हैं और उन पर सुनवाई हो रही हैं। लगभग १३.३७ एकड़ जमीन पर दावा करते हुए हिन्दू पक्ष यहाँ से शाही ईदगाह ढाँचे को हटाने की लगातार माँग करते रहे हैं। सन १९३५ में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने वाराणसी के हिन्दू राजा को इसकी भूमि के अधिकार सौंपे थे।
स्त्रोत : आॅप इंडिया