अध्यक्ष ने कहा – प्रभु राम से मिलता है हमारा डीएनए
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने कहा कि हम मदरसों में औरंगजेब नहीं पढ़ाएंगे। हम बच्चों को श्रीराम पढ़ाएंगे । हम अपने नबियों को मोहम्मद साहब को पढ़ाएंगे । शादाब शम्स ने इस बात को भी स्वीकार किया कि हमारा डीएनए भगवान राम से मेल खाता है। उन्होंने खुलकर कहा कि हम हिंदुस्तानी हैं ।
#WATCH | Dehradun: Uttarakhand Waqf Board Chairman Shadab Shams says, "Instead of teaching about Aurangzeb, we will teach about Lord Ram and about our Nabi in the modern madarsas. We are Hindustani and our DNA matches with Lord Ram… Therefore we have decided that we will teach… pic.twitter.com/cVlbQikT0U
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 26, 2024
आधुनिक मदरसों के पाठ्यक्रम में भगवान राम के बारे में पढ़ाए जाने की चर्चा तेज हो रही है। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के तहत संचालित मदरसों में पढने वाले बच्चे अब भगवान श्रीराम की कहानी भी पढ़ेंगे। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने बृहस्पतिवार को इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मार्च में शुरू होने वाले सत्र में नए पाठयक्रम को लागू किया जाएगा।
औरंगजेब को लेकर दिया ये बयान
शादाब शम्स ने कहा कि आधुनिक मदरसों में औरंगजेब के बारे में नहीं पढ़ाया जाए, बल्कि भगवान राम और नबी को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। शादाब शम्स ने इस बात को भी स्वीकार किया कि हमारा डीएनए भगवान राम से मेल खाता है। उन्होंने खुलकर कहा कि हम हिंदुस्तानी हैं।
‘कोई भी पिता श्रीराम जैसी संतान चाहेंगे’
शादाब शम्स ने कहा- श्रीराम का किरदार ऐसा है, जिसका लोग अनुकरण करते हैं। कोई भी पिता श्रीराम जैसी ही औलाद चाहेंगे, जो अपने वालिद के लिए राज-पाठ छोड दे। छोडकर कहे कि, मैं वनवास के लिए जा रहा हूं। मेरे पिता के वचन को निभा रहा हूं।
उन्होंमे लक्ष्मण का जिक्र करते हुए कहा कि, उनके जैसा भाई कौन नहीं चाहेगा? ऐसा भाई जो कहे कि मेरे भाई सब कुछ छोड़कर जा रहे हैं, तो मैं भी सब त्याग दूंगा। उन्होंने सवाल किया कि, ‘‘क्या औरंगजेब जैसा भाई चाहिए किसी को, जो गर्दन काट दे।’’
ऐसा बेटा कौन पसंद करेगा, जो राजपाठ के लिए अपने पिता को सलाखों के पीछे डाल दे। हम औरंगजेब नहीं पढ़ाएंगे। हम बच्चों को श्रीराम पढ़ाएंगे। हम अपने नबियों को मोहम्मद साहब को पढ़ाएंगे। हम हिंदी हैं।
स्त्रोत : जागरण