प्रबल प्रताप जूदेव ने पैर धोकर कराई हिंदू धर्म में वापसी
रायपुर (छत्तीसगढ) में सरगुजा संभाग के लगभग 1000 लोगों ने शनिवार को रायपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में 251 परिवार के धर्मांतरित लोगों की घर वापसी का आयोजन किया गया। घर वापसी के अभियान में लगे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव सभी लोगों के पैर धोखर उनके सनातम धर्म में वापसी करवाई ।
हमेशा से छत्तीसगढ़ हिंदू आदिवासियों के धर्मांतरण किए जाने का मुद्दा उठाने वाले भाजपा नेता व धर्मांतरित लोगों की घर वापसी के अभियान में लगे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव के नेतृत्व में सरगुजा संभाग के लगभग 251 परिवारों के 1000 लोगों ने घर वापसी की है । इस अवसर पर प्रबल प्रताप सिंह का कहना है कि इससे राष्ट्र मजबूत होगा। झूठ बोलकर और लालच देकर हिंदू आदिवासियों को इसाई धर्म में परिवर्तन कराया गया था। लेकिन ये आज सभी वापस सनातनी बने है। इससे मजबूत राष्ट्र के निर्माण में सहयोग मिलेगा ।
BIG BREAKING 🚨 1000 people from 251 families adopted hinduism today in Chhattisgarh in front of Bageshwar Baba 🔥🔥
Baba said “I will keep coming to Chhattisgarh until tilak is applied on every forehead. After Ram Lala temple, Ramrajya will come.” 🚩
Shri Hanumant Katha of… pic.twitter.com/dsrho2XG9i
— Times Algebra (@TimesAlgebraIND) January 27, 2024
रायपुर में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र शास्त्री के हनुमंत कथा में मंतातरित लोगों की घर वापसी का आयोजन किया गया। पंडितो के द्वारा हवन और यज्ञ करके पूरे वैदिक मंत्रोपचार के साथ सभी का पुनः हिंदू धर्म में प्रवेश करवाया । घर वापसी के अभियान में लगे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव सभी लोगों के पैर भी धोए।
हनुमंत कथा के अंतिम दिन 251 परिवार के एक हजार लोगों की घर वापसी कराई गई । इन सभी लोगों का कहना है कि इनके पूर्वजों ने इसाई धर्म अपनाया था। तभी से उन्होने खुद को भी ईसा मान लिया था…लेकिन वे खुश है कि उनकी अब उनके मूल धर्म में वापसी हुई।
धर्मांतरित लोगों की घर वापसी के अभियान में लगे प्रबल प्रताप सिंह जूदेव भाजपा के कद्दावर नेता रहे दिलीप सिंह जूदेव के पुत्र हैं। प्रबल प्रताप मंतातरित लोगों की घर वापसी के लिए लंबे समय से काम कर रहे हैं। विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा ने मतांतरण और धर्मांतरण के खिलाफ आंदोलन भी किया था। इसका असर चुनाव परिणाम में देखने को मिला…अब एक बार फिर सामने लोकसभा चुनाव है और राज्य में फिर से ये मुद्दा उठने लगा है।
स्रोत: तिरंदाज