Menu Close

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ की ओर से श्रीक्षेत्र सोमेश्वर मंदिर (पुणे) में मंदिर न्यासियों की बैठक

मंदिरों से संबंधित भिन्न भिन्न विषयों पर मान्यवरों का मार्गदर्शन !

मार्गदर्शन करते हुए ह.भ.प. दत्तात्रेय चोरगे महाराज

सोमेश्वर (जिला पुणे, महाराष्ट्र) – मंदिर एवं मंदिरों की पवित्रता की रक्षा के लिए साथ ही मंदिरों के विकास के विषय में मंदिर न्यासियों की बैठक का आयोजन किया गया था । बारामती के श्री क्षेत्र सोमेश्वर मंदिर में कुछ दिन पू‌र्व आयोजित बैठक में पुरंदर, हवेली एवं पुणे शहर पंचक्रोशी के मंदिर न्यासी बैठक में आए थे । ‘श्री क्षेत्र सोमेश्वर देवस्थान ट्रस्ट’ की ओर से बैठक का नियोजन किया गया था ।

मंदिरों की पवित्रता अबाधित रहे, इसलिए दर्शन हेतु जाते समय वेशभूषा कैसी हो ? देवस्थान के माध्यम से भक्तों को कैसी सुविधाएं होनी चाहिए ? मंदिरों में भिन्न भिन्न योजनाएं कार्यान्वित कर मंदिरों की आय किस प्रकार बढाएं ? इस संदर्भ में चर्चा एवं मान्यवरों का मार्गदर्शन हुआ । पुणे जिले के मंदिरों का प्रतिनिधित्व करनेवाले मंदिर महासंघ के पुणे विभाग के ह.भ.प. दत्तात्रय चोरघे महाराज ने पिछली बैठक में निश्चित किया था, उसी प्रकार पुणे जिले के कुल ३४ मंदिरों में इस माह के अंत तक वस्र संहिता (ड्रेस कोड) लागू करने के संदर्भ में जानकारी दी । पू. रामनाथ येवले महाराज ने मंदिरों की आय बढाने के लिए क्या कर सकते हैं ? इस विषय में मार्गदर्शन किया ।

महाराष्ट्र मंदिर महासंघ द्वारा आयोजित द्वितीय मंदिर न्यासी बैठक में सहभागी मंदिर न्यासी

विविध विषयों पर मान्यवरों का मार्गदर्शन !

१. पू. येवले महाराज ने कहा, ‘‘मंदिर ‘ट्रस्ट’ पर नियुक्त लोग सात्त्विक होने चाहिए, भगवान से सुसंगत आचरण करनेवाले होने चाहिए । साथ ही मंदिरों की संपर्क प्रणाली को बढाया जाए एवं युवकों को नए उद्योग दिए जाएं, जिससे मंदिर में कुछ मात्रा में आय हो सके ।

२. हिन्दू जनजागृति समिति के श्री. पराग गोखले ने मंदिर सरकारीकरण के माध्यम से हो रहे भ्रष्टाचार, पंढरपुर के श्री विठ्ठल मंदिर के व्यवस्थापन अंतर्गत अलंकारों की प्रविष्टियों के संदर्भ में अव्यवस्था के विषय में, सासवड में हुए आंदोलन के विषय में एवं श्री क्षेत्र बाळूमामा मंदिर में हुए भ्रष्टाचार एवं उसके लिए नियुक्त किए गए सरकारी अधिकारी के संदर्भ में जानकारी दी । मंदिर महासंघ का वस्र संहिता (ड्रेस कोड) ही एक ध्येय नहीं, अपितु मंदिरों का आपस में समन्वय होना भी उतना ही महत्त्वपूर्ण है, इसका भान कराया गया ।

बैठक के महत्त्वपूर्ण सूत्र !

१. पू. रामनाथ येवले महाराज ने मंदिर न्यासियों से कहा, ‘‘न्यासियों को मंदिर की आय बढे एवं इस आय के माध्यम से मंदिर, गांव एवं समाज का विकास होने के लिए विविध उपक्रमों को क्रियान्वित करना चाहिए ।’’

२. सभी मंदिर न्यासियों ने एक मत से प्रस्ताव सम्मत करते हुए कहा, ‘मंदिरों की पवित्रता अबाधित रहे, इसलिए आगामी कुछ दिनों में सभी मंदिरों में वस्र संहिता (ड्रेस कोड) के ‘फ्लेक्स’ लगाए जाएंगे ।’

३. इस समय कहा गया, ‘छोटे-बडे मंदिरों का एकीकरण कर मंदिरों की, साथ ही मंदिर पुरोहित, न्यासियों की समस्याओं के समाधान एवं मंदिर में दर्शन लेने आनेवाले भक्तों को सुविधाएं मिलें, इसके लिए मंदिर महासंघ प्रयास करेगा ।’

४. फ्लेक्स के साथ वस्र संहिता (ड्रेस कोड) क्यों ?सासवड में श्री भैरवनाथ देवस्थान के मुख्य पुजारी श्री. मोहन काका भैरवकर ने सुझाव देते हुए कहा, कि हम इसका उत्तर देनेवाला फ्लेक्स भी लगाएंगे ।’

५. सोमेश्वर महादेव मंदिर के न्यासी श्री. मोहन काका भांडवलकर ने सभी का स्वागत कर आभार व्यक्त करते हुए कहा, ‘सोमेश्वर महादेव मंदिर के हम सभी न्यासी मंदिर महासंघ के मार्गदर्शन में भिन्न भिन्न उपक्रमों का आयोजन करेंगे ।’

६. अधिवक्ता मंगेश जेजुरीकर, खंडोबा मंदिर कडेपठार, जेजुरी गढ के पुरोहित हैं । उन्होंने कहा, ‘उपस्थित मंदिर न्यासियों को मंदिरों के विषय में न्यायालयीन सहायता करेंगे एवं मंदिरों की अडचनें मिटाने का प्रयास करेंगे ।’

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *