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ताजमहल में शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर, सुनवाई के लिए तारीख जारी

ताजमहल में शहंशाह शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने को एडिशनल सिविल जज (जूनियर डिवीजन) के न्यायालय में याचिका दायर की गई है। शाहजहां का 369वां उर्स छह से आठ फरवरी तक होगा। अखिल भारत हिंदू महासभा की महिला मोर्चा की मंडल अध्यक्ष मीना देवी दिवाकर और जिलाध्यक्ष सौरभ शर्मा ने शुक्रवार को ताजमहल में शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने के लिए न्यायालय में याचिका दायर की। इसमें सेलीब्रेशन कमेटी ताजगंज के अध्यक्ष सैयद इब्राहिम जैदी को प्रतिवादी बनाया गया है।

याचिका में कहा गया है कि, उत्सव समिति बनाकर प्रतिवादी उसका अध्यक्ष बन गए हैं। वह न तो ताजमहल में कर्मचारी हैं और न उनका स्मारक से कोई सरोकार है।

वादी ने ली न्यायालय की शरण

सरकार व भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआइ) की अनुमति के बगैर उर्स का आयोजन किया जा रहा है। वादी ने सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बगैर उर्स का आयोजन नहीं करने को कहा था, जिस पर प्रतिवादी ने ध्यान नहीं दिया। इसके बाद उन्हें न्यायालय की शरण लेनी पड़ी। प्रतिवादी द्वारा उर्स में किसी भी व्यक्ति को स्मारक में निश्शुल्क प्रवेश देने पर रोक लगाई जाए।

न्यायालय ने अमीन के माध्यम से प्रतिवादी को नोटिस तामील कराने के निर्देश दिए हैं। न्यायालय में वाद विचाराधीन होने से अब प्रतिवादी की जिम्मेदारी बनती है कि वह उर्स नहीं मनाए। – अनिल तिवारी, अधिवक्ता हिंदू महासभा

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण और उर्स कमेटी संयुक्त रूप से ताजमहल में शाहजहां का उर्स मनाती हैं। उर्स को रोकने के लिए वाद दायर करने की जानकारी उन्हें मीडिया से ही प्राप्त हुई है। – सैयद इब्राहिम जैदी, प्रतिवादी

भारत सरकार की है अधिसूचना

अधीक्षण पुरातत्वविद् डा. राजकुमार पटेल ने बताया कि एमसी मेहता बनाम यूनियन आफ इंडिया वाद में सुप्रीम कोर्ट ने ताजमहल में शुक्रवार की नमाज, रमजान, तरावीह और शाहजहां के उर्स के आयोजन को समय-समय पर निर्देश दिए हैं। भारत सरकार ने इसके लिए अधिसूचना भी की है।

नमाज का नहीं मिला था रिकार्ड

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट ने बताया कि इतिहासविद् राजकिशोर राजे ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण से सूचना का अधिकार में ताजमहल में नमाज अदा करने से संबंधित अनुमति का उल्लेख शाहजहां के दरबारी लेखक अब्दुल हमीद लाहौरी की पुस्तक शाहजहांनामा, किसी अन्य मुगलकालीन पुस्तक या शाही फरमान में होने की जानकारी मांगी थी। ईस्ट इंडिया कंपनी या भारत सरकार द्वारा कोई आदेश जारी करने की जानकारी भी उन्होंने मांगी थी। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने किसी तरह की जानकारी होने से इन्कार किया था।

ताजमहल का सर्वे कराने की करेंगे मांग

वादी मीना देवी दिवाकर और सौरभ शर्मा ने कहा कि हिंदू महासभा की यह बड़ी जीत है। अयोध्या, काशी विश्वनाथ, मथुरा में सर्वे के आदेश के समान हम ताजमहल का सर्वे कराने की मांग न्यायालय से करेंगे। ब्रजेश भदौरिया, अंकित चौहान, शंकर श्रीवास्तव, आयुष आदि ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के माल रोड स्थित कार्यालय पर उर्स रोकने को आंदोलन की बात कही।

स्रोत: jagran

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