यात्रियों की जीवित हानि होने पर दोषी अधिकारियों पर धारा ३०२ के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट करें ! – सुराज्य अभियान
राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडनेवाले रायगढ के पेन-खोपोली राजमार्ग पर स्थित भोगावती नदी पर बने पुल की रेलिंग टूट गई है । कुछ दिन पूर्व ही इस पुल से रात के समय गुजरनेवाली कार पुल से नीचे गिर गई । सौभाग्यवश वाहन में बैठे यात्री बच गए; परंतु भविष्य में यदि पुनः ऐसी दुर्घटना हो एवं उसमें किसी की मृत्यु हो जाए, तो उसके लिए उत्तरदायी कौन होगा ? पुल की मरम्मत के कार्य में हो रहा विलंब नागरिकों के जीवन के लिए घातक हो सकता है । इसलिए पुल की मरम्मत के कार्य में विलंब करनेवाले अधिकारियों पर कार्यवाही की जाए, ऐसी मांग हिन्दू जनजागृति समिति के सुराज्य अभियान द्वारा की गई है । इस पुल के घटिया काम के संबंध में सुराज्य अभियान द्वारा सीधे मुख्यमंत्री एवं सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री (सार्वजनिक उपक्रमों सहित) श्री. एकनाथ शिंदे से शिकायत की गई है, ऐसी जानकारी सुराज्य अभियान के समन्वयक श्री. अभिषेक मुरुकटे ने दी है ।
राष्ट्रीय महामार्गाला जोडणार्या #रायगड जिल्ह्यातील भोगावती पुलाच्या निकृष्ट कामाची @CMOMaharashtra कडे तक्रार !@NHAI_Official @nitin_gadkari @MMVD_RTO @MahaDGIPR @MAHA_UDD @mataonline @Mumbaikhabar9
CC : @CollectorRaigad for information and action !
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भोगावती नदी पर बने पुल से जानेवाला मार्ग राष्ट्रीय राजमार्ग को जोडता है । कुछ महीनों पूर्व ही राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा इस पुल पर लोहे की रेलिंग लगाने का काम किया गया है । पुल की मरम्मत के लिए 35 लाख रुपए खर्च भी किए गए हैं; परंतु उसके उपरांत भी पुल की स्थिति अत्यंत विकट है । यह दर्शाता है कि पुल का काम घटिया स्तर का है । इसमें भ्रष्टाचार की संभावना को नकारा नहीं जा सकता । वर्तमान स्थिति में यह पुल संकटदायक है । वर्ष 2016 में रायगढ जिले में ही महाड में सावित्री नदी पर बने पुल से राज्य परिवहन मंडल की यात्री बस नदी में गिर गए थे एवं 40 नागरिकों की मृत्यु हो गई थी । भोगावती नदी पर बने पुल पर पुनः दुर्घटना होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता । इसलिए इस पुल का तत्काल ‘स्ट्रक्चरल ऑडिट’ (संरचनात्मक लेखापरीक्षण) किया जाए एवं उसकी मरम्मत की जाए । श्री. मुरुकटे ने बताया है कि पुल का काम होने तक की अवधि में दुर्घटना होकर यदि किसी की मृत्यु हो जाए, तो उस प्रकरण में संबंधित अधिकारियों पर सदोष मनुष्यवध अर्थात् आयपीसी की धारा 302 के अंतर्गत अपराध प्रविष्ट किया जाए, ऐसी मांग सुराज्य अभियान द्वारा की गई है ।