Menu Close

उत्तर प्रदेश में हलाल सर्टिफिकेट के पीछे एक बडे उलेमा का हाथ, सबूत जुटाने में लगी STF

Update

फर्जी हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के खेल के पीछे बतौर मास्टरमाइंड एक बड़े मुस्लिम धर्मगुरु का नाम सामने आ रहा है। एसटीएफ को कई अहम साक्ष्य मिले हैं। धर्मगुरु की भूमिका की जांच जारी है। साक्ष्यों की तस्दीक करने के बाद उन पर कार्रवाई हो सकती है।

18 नवंबर 2023 को ऐशबाग निवासी भाजपा के अवध क्षेत्र के पूर्व अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार शर्मा ने हजरतगंज थाने में फर्जी हलाल प्रमाण जारी करने के मामले में एफआईआर दर्ज कराई थी। केस एसटीएफ को ट्रांसफर हो गया था। एसटीएफ ने सोमवार को मुंबई से हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मौलाना हबीब यूसुफ, उपाध्यक्ष मौलाना मुदस्सिर, जनरल सेक्रेटरी मोहम्मद ताहिर जाकिर हुसैन चौहान और ट्रेजरार मोहम्मद अनवर को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। एसटीएफ ने यह भी खुलासा किया था कि पूरा खेल मोटी रकम वसूलने के लिए किया जा रहा था। सूत्रों के मुताबिक फर्जी हलाल प्रमाण पत्र जारी करने का मास्टरमाइंड एक मुस्लिम धर्मगुरु हैं।

18 कंपनियों के बारे में मिली जानकारी

आरोपियों ने सैकड़ों कंपनियों को हलाल प्रमाण पत्र जारी किए। मगर इससे संबंधित लेखाजोखा उपलब्ध नहीं कराया। एसटीएफ ने अपने स्तर से 18 कंपनियों के बारे में जानकारी जुटा ली है। कंपनियों का ब्योरा खंगाल रही है। कंपनी के संबंधित अधिकारियेां से भी एसटीएफ पूछताछ करेगी। किसी के खिलाफ साजिश या मिलीभगत के साक्ष्य मिलेंगे तो उनको आरोपी बनाया जाएगा। वरना गवाह बनाया जा सकता है।

बैंक खातों में बड़ी रकम का लेनदेन, विदेशी ट्रांजेक्शन पर नजर

सूत्रों के मुताबिक एसटीएफ ने आरोपियों के बैंक खाते फ्रीज कराए हैं। उनका विवरण भी जुटाया है। इससे पता चल सकेगा कि खातों में कहां-कहां से किसने रकम भेजी और आरोपियों ने किनको पैसे भेजे। खासकर विदेशी ट्रांजेक्शन पर नजर है।


13 फरवरी

उत्तरप्रदेश : अवैध हलाल प्रमाण पत्र जारी करनेवाले हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के 4 पदाधिकारी गिरफ्तार

लखनऊ – अवैध हलाल प्रमाण पत्र जारी करके विभिन्न कंपनियों से वसूली करने वाली संस्था हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया के ०४ सदस्यों को उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। सभी आरोपी मुंबई महाराष्ट्र के रहने वाले हैं। पूछताछ में पता चला कि हलाल सर्टिफिकेट फर्जी तरीके से जारी किया जाता है। किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं कराया जाता है। केवल हलाल का लोगों देकर ठगी की जा रही है।

उत्तर प्रदेश एसटीएफ के अनुसार मौलाना हबीब युसुफ पटेल निवासी 388/ए स्कॉर्ट्स कालोनी चिंचोली गोट, पटेल मस्जिद के पास सुबुरबान मुंबई महाराष्ट्र (अध्यक्ष), मौलाना मुइदसिर सपाडिआ पुत्र इकबाल सपाडिआ बी-303 फिरदौस पार्क एसवी रोड नेक्स साबरी मस्जिद जोगेश्वरी वेस्ट महराष्ट्र (उपाध्यक्ष), मो। ताहिर जाकिर हुसैन पुत्र जाकिर हुसैन 1204/1304 हील पार्क बी-१ टॉवर कैप्टन सुरेश समांत मार्ग जोगेश्वरी वेस्ट मुंबई (जनरल सेक्रेटरी) और मोहम्मद अनवर पुत्र मोहम्मद अली खान निवासी 202/च ग्रीन लॉन्स, कपड़ा बाजार रोड मुंबई महाराष्ट्र (कोषाध्यक्ष) को गिरफ्तार किया गया है।


यह भी पढें – ‘हलाल सर्टिफिकेट’ – भारत को इस्‍लामीकरण की ओर ले जानेवाला आर्थिक जिहाद !


गलत तरीके से जारी किए गए सर्टिफिकेट

इस मामले में हलाल इंडिया प्राइवेट लिमिटेड चेन्नई, जीमयत उलेमा हिंद हलाल ट्रस्ट दिल्ली, हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई आदि ने विभिन्न उत्पादों पर उसकी ब्रिकी बढ़ाने के उद्देश्य से गलत तरीके से सर्टिफिकेट जारी किए गए थे। इस मामले में हजरतगंज थाने में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है। जिसकी विवेचना एसटीएफ के डिप्टी एसपी दीपक कुमार सिंह और इंस्पेक्टर तेजबहादुर सिंह कर रहे थे। इसी के क्रम में हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, कोषाध्यक्ष को बयान दर्ज कराने के लिए एसटीएफ कार्यालय बुलाया गया था।

किसी भी सरकारी एजेंसी ने नहीं किया अधिकृत

सभी आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई अवैध रूप से हलाल सर्टिफिकेट मीट व मीट प्रोडक्ट के अतिरिक्त अन्य खाद्य पदार्थों पर भी जारी कर रही है। इसके लिए प्रति वर्ष सर्टिफिकेट व प्रति प्रोडक्ट अलग अलग कंपनी से रुपये लिए जाते हैं। जिसमें से लगभग १० हजार रुपये सर्टिफिकेट व १ हजार रुपये प्रति प्रोडक्ट के लिए चार्ज किया जाता है। हलाल काउंसिल ऑफ इंडिया मुंबई को NABCB (National Accreditation Board for Certification Bodies) व अन्य किसी सरकारी संस्था से हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया है।

किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया गया

यही नहीं यह लोग कंपनियों को देश व विदेश में अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए हलाल प्रमाण पत्र जारी करते हैं। जिसके लिए यह अधिकृत नहीं हैं। पूछताछ में पता चला कि हलाल काउंसिल आफ इंडिया मुंबई से जारी हलाल प्रमाण पत्र धारी कंपनियों के मालिक एवं कर्मचारियों से पूछताछ करने पता चला कि हलाल प्रमाण पत्र जारी करने के लिए किसी भी प्रोडक्ट का लैब टेस्ट नहीं करवाया गया है। इन लोगों ने कंपनी में आकर किसी भी प्रोडक्ट का सैंपल जांच के लिए नहीं लिया। न ही कोई भी सदस्य पूछताछ के लिए कंपनी में आया।

केवल ‘हलाल’ का लोगो देकर जबरन वसूली

पूछताछ में पता चला कि हलाल प्रोडक्ट के उपभोक्ताओं को बिना किसी जांच के व बिना किसी लैब टेस्ट के केवल ‘हलाल’ का लोगो देकर जबरन वसूली की जा रही है। साथ ही अनावश्यक तरीके से एक अलग प्रकार का वित्तीय बोझ कंपनियों पर डाला जा रहा है। जांच में यह भी जानकारी मिली कि रेस्टोरेंट इत्यादि को भी हलाल प्रमाण पत्र दिया गया है। जबकि रेस्टोरेंट में परोसी जाने वाली खाद्य सामग्री के बनने के तरीके एवं उपलब्ध सामानों पर इनका कोई नियंत्रण नहीं है। जिससे यह पता चलता है कि यह लोग मनमाने तरीके से केवल पैसा लेने के उद्देश्य से हलाल प्रमाण पत्र जारी करते हैं। उत्तर प्रदेश एसटीएफ ने गताया कि आरोपी इस अवैध धंधे से प्राप्त आय-व्यय की कोई जानकारी नहीं दे सके हैं। पूछताछ के बाद सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।

स्त्रोत : प्रभात खबर

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *