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मिशनरी विद्यालय में रामायण-महाभारत का अपमान, लडकियों के चूड़ी पहनने और बिंदी लगाने पर भी रोक

हिंदू संगठनों के प्रदर्शन के बाद शिक्षक निलंबित

कर्नाटक के मेंगलुरु स्थित एक ईसाई मिशनरी संचालित विद्यालय में हिंदू बच्चों पर तमाम तरह की रोक लगाई गई। इसके बाद उन बच्चों के मन में सनातन और हिंदुत्व के प्रति जहर भरने का काम किया गया। इससे भी बात नहीं बनी, तो एक शिक्षक ने प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ प्रोपेगेंडा वाली बातें सातवीं कक्षा के छात्रों को बताई। शिक्षक ने ‘गोधरा कांड’ और ‘बिल्किस बानो केस’ जैसे संवेदनशील मुद्दों को तोड़-मरोड़ कर बच्चों के सामने परोसा, ताकी बच्चों के मन में प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ नफरत भर जाए।

यही नहीं, शिक्षक ने रामायण – महाभारत को काल्पनिक बताते हुए भगवान राम और अयोध्या नगरी तक को खारिज कर दिया। ये बातें तब हो रही हैं, जब सारी दुनिया अयोध्या में भगवान राम के जन्मस्थान पर भव्य मंदिर बनता देख रही है और रामलला स्वयं गर्भगृह में विराजमान हो गए हैं।

ये मामला मेंगलुरु स्थित सेंट गेरोसा इंग्लिश एचआर प्राइमरी विद्यालय का है। आरोप है कि बीते गुरुवार (८ फरवरी) को सातवीं कक्षा के बच्चों को पढ़ाते हुए शिक्षक ने ऐसी टिप्पणियां की। इसका खुलासा तब हुआ, जब किसी बच्चे के अभिभावक और विश्व हिंदू परिषद के स्थानीय नेता शरण पंपवेल की बातचीत हुई और इस बातचीत का ऑडियो वायरल हो गया। इस बातचीत के दौरान ही बच्चे के माता-पिता ने शिक्षक पर गंभीर आरोप लगाए और बताया कि बच्चों का किस तरह से ब्रेनवॉश किया जा रहा है। ऐसा पिछले कई सालों से चल रहा है। पिछले साल भी बच्चों को यही सब बातें बताई गई थी।

इस पूरे घटनाक्रम के बाद मेंगलुरु उत्तर विधानसभा सीट से भाजपा के विधायक भरत शेट्टी की अगुवाई में विद्यालय के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया गया। भरत शेट्टी ने हिंदू परिजनों से “ईसाई मिशनरियों द्वारा संचालित विद्यालयों में अपने बच्चों को दाखिला देने पर पुनर्विचार करने” की भी अपील की। ये प्रदर्शन 11 फरवरी को किया गया। प्रदर्शन में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्या भी शामिल रहे।

भरते शेट्टी ने कहा, “जिन विद्यालयों ने लड़कियों के चूड़ी पहनने और माथे पर बिंदी लगाने पर बैन लगाया था, वे अब राम मंदिर के खिलाफ नफरत फैला रहे हैं।” उन्होंने कहा, “अगर विद्यालय प्रबंधन शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू करने में विफल रहता है, तो विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।”

इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने उप निदेशक (सार्वजनिक निर्देश) के कार्यालय में भी घुसने की कोशिश की। प्रदर्शनकारियों के गुस्से को देखते हुए १०० से अधिक पुलिस कर्मियों को मौके पर तैनात कर दिया गया। विरोध प्रदर्शन के दौरान लोगों ने आरोपित शिक्षक के खिलाफ कार्रवाई की माँग करते हुए नारे लगाए। उन्होंने विद्यालय मैनेजमेंट से शिक्षक को नौकरी से निकालने और उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की माँग की। सेंट गेरोसा इंग्लिश एचआर प्राइमरी विद्यालय के प्रशासन ने कहा है कि वे मामले की जाँच कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि अगर शिक्षक पर आरोप सही साबित होते हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि जाँच के बाद शिक्षक को निलंबित कर दिया गया।

स्त्रोत : ऑप इंडिया

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