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गोवा राज्य में शिवजयंती को लगा ग्रहण !
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मंत्री फलदेसाई को स्थल से खदेडने का प्रयास
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भारी संख्या में पुलिस बल उपस्थित
मडगांव – दिनांकानुसार अर्थात १९ फरवरी को शिवजयंती के अवसर पर जहां पूरे देश में उत्साह का माहौल है , वहीं गोवा में इस त्यौहार को ग्रहण लग गया । सां ज्यूज़ डी एरियल में एक निजी स्थान पर छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण कर लौट रहे राज्य के समाज कल्याण मंत्री सुभाष फलदेसाई पर ईसाई कट्टरपंथियों ने आक्रमण किया, जिसमें मंत्री फलदेसाई को थोडी चोटें आई हैं । पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया ।
🎥 Disturbing Video!
Well, typically "peacefuls" are the violent anti-Hindus!
However, do you know Goan Chr|$t|@n$ are as fanatically Hinduphobic as these?
Yes!#ShivJayanti was snubbed here.
In São José de Areal (Nesai), Chr|$t|@n$ attack Minister @SubhashGoa during the… pic.twitter.com/ugRaP5LSex
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) February 19, 2024
ईसाइयों को छत्रपति शिवाजी की मूर्ति लगाने पर आपत्ति !
मंत्री सुभाष फलदेसाई सां जुजे डि एरियल के एक निजी परिसर में एक मुस्लिम व्यक्ति द्वारा स्थापित छत्रपति शिवाजी की मूर्ति का अनावरण करने आए थे । स्थानीय ईसाइयों ने वहां छत्रपति शिवाजी महाराज की मूर्ति लगाने पर आपत्ति जताई थी । (ईसाइयों को निजी स्थान पर मूर्ति स्थापित करने पर आपत्ति करने का क्या अधिकार है ? – संपादक) ईसाइयों ने यह भी आरोप लगाया है कि ‘यह मूर्ति अवैध रूप से स्थापित की गई है।’ स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए १८ फरवरी से ही भारी संख्या में पुलिस बल वहां उपस्थित थी ।
मंत्री को स्थल से खदेड़ने की कोशिश
प्रतिमा के अनावरण के बाद मंत्री फलदेसाई पर मिट्टी के गोले फेंके गए । स्थिति नियंत्रण में रखने के लिए पुलिस ने भीड़ पर हल्की लाठियां चलाईं । जब पुलिस मंत्री को सुरक्षित ले जा रही थी, तो ईसाई ताली बजा रहे थे और वूश वूश (वापस जाओ) के नारे लगा रहे थे । मंत्री फलदेसाई ने कहा, “मैं इस मामले में परिवाद (शिकायत) प्रविष्ट नहीं कराऊंगा ताकि राज्य में धार्मिक विवाद पैदा न हो।”
ईसाइयों द्वारा आक्रमण का पूर्वनियोजन
एक समाचार चैनल द्वारा प्रसारित वीडियो के अनुसार घटनास्थल पर बहुत सारे ईसाई उपस्थित थे । वहां उपस्थित कई ईसाई स्कार्फ, जैकेट, टोपी और हेलमेट पहन कर आए थे । इसलिए यह संदेह जताया जा रहा है कि ‘पत्थरबाजी के उद्देश्य से ही ईसाई उपस्थित थे ।’
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात