नेपाल को ‘हिंदू राष्ट्र’ बनाने की माँग एक बार फिर से जोरों पर है। इसके लिए वहाँ ललितपुर के गोदावरी में सोमवार (19 फरवरी 2024) को महासमिति की बैठक भी होना शुरू हो गई है। इस बैठक का नेतृत्व नेपाली कॉन्ग्रेस के सांसद व केंद्रीय समिति के सदस्य शंकर भंडारी द्वारा किया जा रहा है। बैठक में इस बात पर चर्चा हो रही है कि किस तरीके से नेपाल को दोबारा से ‘वैदिक सनातन हिंदू राष्ट्र’ का दर्जा दिलाया जा सकता है।
द काठमांडू की रिपोर्ट के अनुसार, इस संबंध में नेपाल की 22 केंद्रीय कार्य समितियों ने बीते शुक्रवार (16 फरवरी 2024) को हिंदू राष्ट्र बनाने की माँग को पार्टी के आगे उठाया था। इसके बाद 17 फरवरी को इस अभियान को 4 पृष्ठ डोजियर के साथ पब्लिक किया गया। भंडारी ने नेपाली कॉन्ग्रेस के नेताओं से इस मुद्दे को उठाने के लिए समर्थन माँगा।
उन्होंने कहा, “हम पार्टी के नेतृत्व पर इस मुद्दे को उठाने का दबाव बनाएँगे। पार्टी अध्यक्ष शेर बहादुर देबा ने इस मुद्दे को सकारात्मक ढंग से लिया है। उनके अलावा सीपीएम-यूएमएल और सीपीएन के नेता भी इस अभियान में साथ देने को तैयार हैं।” नेपाली कॉन्ग्रेस सांसद ने कहा कि ये सिर्फ एक अभियान नहीं है। ये राष्ट्र निर्माण के लिए अहम अभियान है।
बता दें कि एक तरफ जहाँ कहा जा रहा है कि नेपाल को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए कई राजनेता एक साथ खड़े हो रहे हैं। वहीं ये भी जानकारी है कि कुछ कॉन्ग्रेस नेता इस मुद्दे से सहमत नहीं है। शुक्रवार को पार्टी की कार्यकारी समिति की बैठक में इस मुद्दे को नकार दिया गया था।
नेपाली कॉन्ग्रेस नेता भंडारी ने कहा कि वो अन्य पार्टियों और समुदायों के साथ मिलकर भी इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। वहीं पूर्व मंत्री व नेपाली कॉन्ग्रेस नेता देवेंद्र राज कादेल ने कहा कि हिंदू राष्ट्र की बहाली के लिए नेपाली कॉन्ग्रेस को अभियान चलाना चाहिए। उनकी सहमति के बिना ये नहीं हो पाएगा।
कादेल ने कहा कि अगर नेपाली कॉन्ग्रेस मांग मानने को तैयार होती है तो अन्य पार्टियों से भी बात की जाएगी। अगर ज्यादातर सभी इस पर राजी होंगे तो फिर संविधान में संशोधन का मार्ग प्रशस्त होगा। एक बार जब हम आधारशिला रख दी गई तो अच्छे राष्ट्र का निर्माण तो होगा ही।
स्रोत : ऑप इंडिया