ओटीटी के लिए आचार संहिता बनाने की मांग !
मुंबई– एक अध्ययन में पाया गया है कि यौन संचारित सामग्री बलात्कार तथा यौन उत्पीडन में वृद्धि का एक प्राथमिक कारक है । इसी बात को ध्यान में रखते हुए ओ.टी.टी प्लेटफॉर्म पर ऐसी यौन, विकृत तथा अनैतिक सामग्री के प्रसार को रोकने के लिए, ऐसी सामग्री पर व्यापक प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए । सभी ‘ओ.टी.टी प्लेटफॉर्म’ के लिए नैतिकता की एक आचार संहिता (’कोड ऑफ एथिक्स’) बनाई जानी चाहिए, तथा इस अधिनियम में कारावास के दंड का प्रावधान भी होना चाहिए । ऐसी सामग्री को राष्ट्रविरोधी करार देते हुए इसके उत्पादन को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध माना जाना चाहिए तथा प्रमाण का भार आरोपी पर डाला जाना चाहिए, ऐसी मांगें तथा सिफारिशें ’सेव कल्चर सेव इंडिया फाउंडेशन’ के संस्थापक तथा पूर्व केंद्रीय सूचना आयुक्त श्री. उदय माहुरकर द्वारा किया गया । वह २४ फरवरी को मुंबई के प्रेस क्लब में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोल रहे थे । इस अवसर पर प्रसिद्ध पत्रकार एवं ’जेम्स ऑफ बॉलीवुड’ की सह-संस्थापिका स्वाति गोयल शर्मा एवं हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री. रमेश शिंदे भी उपस्थित थे ।
२५ फरवरी को मुंबई में ‘ओ.टी.टी तथा ’ फिल्म जगत की बुराइयों’ को उजागर करने वाला एक कार्यक्रम !
At a press conference on our Mumbai program with @Ramesh_hjs & @swati_gs i said time has come for Bharat to defeat cultural challenge of perverted content makers. But mainstream Bollywood was itself legitimising porn culture by giving platform to Sunny Leone & now Johnny Sins, 1… pic.twitter.com/ySrt980SbT
— Uday Mahurkar (@UdayMahurkar) February 25, 2024
‘ओटीटी रविवार, २५ फरवरी को शाम ५.३० से ७.३० बजे तक सूर्यवंशी क्षत्रिय ऑडिटोरियम, वीर सावरकर मार्ग, दादर (पश्चिम), मुंबई में “फिल्म जगत के अत्याचार – बढ़ते बलात्कार का मुख्य कारण !” विषय पर एक कार्यक्रम आयोजित किया गया । बलात्कार!” इसमें बड़ी संख्या में जागरूक नागरिकों को भाग लेने का अनुरोध किया गया है ।
श्री. उदय माहूरकर ने इस समय कहा,
१. देश को झकझोर देने वाली बलात्कार की चौंकाने वाली घटनाओं को देखते हुए हमने मूल कारण ढूंढने का प्रयास किया । हम समान विचारधारा वाले संगठन इससे निपटने के लिए अपने प्रयास बढ़ा रहे हैं।
२. चौंकाने वाली बात यह है कि बलात्कार के प्रकरणों में अपराधियों ने यौन सामग्री, विशेष रूप से उनके स्मार्टफोन पर सरलता से उपलब्ध ’अश्लील साहित्य’ (सेक्स वीडियो) से प्रभावित होने की बात स्वीकार की है ।
३. इस स्थिति को तत्काल बदलने के लिए, समान विचारधारा वाले संगठनों ने इस आपत्तिजनक सामग्री के वर्गीकरण तथा विनियमन की सुविधा के लिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में संशोधन करने का आग्रह किया है ।
४. अब समय आ गया है कि भारत अपनी सांस्कृतिक संप्रभुता पर दृढ रहेे तथा अपने पारंपरिक मूल्यों को संरक्षित रखे।
५. यौन विचारोत्तेजक सामग्री के प्रसारण को नियंत्रित करके, हम अपने देश के नैतिक ढांचे की रक्षा कर सकते हैं और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध भारत के अपने सपने को साकार कर सकते हैं ।
यौन विकृत सामग्री से उत्पन्न खतरे से लडने के लिए सभी को एक साथ आना चाहिए! – स्वाति गोयल शर्मा, संस्थापक,
स्वाति गोयल शर्मा यौन विकृत सामग्री का प्रसार न केवल हमारे सांस्कृतिक मूल्यों को नष्ट करता है, अपितु सामाजिक अशांति का कारण भी बनता है । यह आवश्यक है कि हम इस बढ़ते संकट का सामना करने तथा अपने समुदायों की गरिमा की रक्षा के लिए एक साथ आएं । ’जेम्स ऑफ बॉलीवुड’ ने प्रमुख ओटीटी प्लेटफार्मों पर आपत्तिजनक सामग्री की व्यापकता को उजाकर करते हुए ’ओ.टी.टी आक्रामक सामग्री अनुसंधान’ नामक एक व्यापक श्वेत पत्र जारी किया है । यह शोध महिलाओं तथा बच्चों की सुरक्षा के लिए सामूहिक कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता को रेखांकित करते हुए भारत की सांस्कृतिक अखंडता को संरक्षित करता है ।
भारतीय संस्कृति की पवित्रता को कम करने वाले आपत्तिजनक ग्रंथों का विरोध होना ही चाहिए ! – श्री. रमेश शिंदे, राष्ट्रीय प्रवक्ता, हिंदू जनजागृति समिति
हमारा संगठन पारंपरिक मूल्यों को बनाए रखने तथा भारतीय संस्कृति की पवित्रता को कम करने वाली आक्रामक सामग्री के प्रसार का विरोध करने के अपने संकल्प पर दृढ़ है । हम नीति निर्माताओं तथा संबंधित व्यक्तियों से इस महत्वपूर्ण प्रयास में सहभागी होने का आग्रह करते हैं ।