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महाराष्ट्र परिवहन निगम (MSRTC) ने ‘रेडबस ऐप’ के साथ करार रद्द किया; यात्रियों की लूट का आरोप

  • रेडबस ऐप पर बीमा के नाम पर वसूली जा रही थी अतिरिक्त रकम

  • एमएसआरटीसी ऐप पर अब यात्रियों को आरक्षित करना होगा टिकट

  • सुराज्य अभियान ने भी इस विरोध में उठाया था आवाज

महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने यात्रियों की सुविधा और अपनी आय बढाने के लिए प्रारंभ की गई “मल्टी ऑनलाइन रिझर्वेशन सिस्टम” (एमटीओआरएस) के तहत नियुक्त “रेडबस ऐप” के कारण परिवहन निगम को ही नुकसान हुआ है। इतना ही नहीं, यह कंपनी बीमा के नाम पर प्रत्येक यात्री से अतिरिक्त रकम वसूल रही थी। परिणामस्वरूप, परिवहन निगम ने इस संस्था के साथ किए गए करार को रद्द कर दिया है। एसटी परिवहन निगम के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. माधव कुसेकर ने यह जानकारी दी। अब यात्रियों को केवल एसटी के “एमएसआरटीसी” ऐप के माध्यम से ही टिकट खरीदना या आरक्षण करना होगा।

लूट का आरोप

एसटी परिवहन निगम ने 2015 में “इंद्रधनु आरक्षण प्रणाली” लाई और इसमें “रेडबस” को बाहरी संस्था के रूप में नियुक्त किया गया था। इस करार के अनुसार “रेडबस” को मासिक टिकट बिक्री पर 6 लाख रुपये तक 4%, 6 से 10 लाख तक 5% और 10 लाख से आगे 6% कमीशन दिया जा रहा था। उस समय अर्थात 2015 में एसटी की यात्री संख्या 15 लाख 39 हजार थी, जबकि “रेडबस” की यात्री संख्या 12 हजार थी। इस नई आरक्षण प्रणाली के लागू होने के बाद 2019 में “रेडबस” ऐप से टिकट खरीदने या आरक्षण करने वाले यात्रियों की संख्या बढकर 14 लाख 46 हजार हो गई, जबकि एसटी ऐप पर यात्री संख्या 14 लाख 37 हजार हुई। इसका अर्थ एसटी ऐप पर यात्री घट गए।

सुराज्य अभियान की याचिका

इस बीच, एक यात्री ने कुर्ला से जालना यात्रा के लिए “रेडबस” ऐप से बुकिंग कराई, तो उससे 18 रुपये अधिक लिए गए। उसके बाद यह मामला सामने आया। इस विषय में “रेडबस” को नोटिस देकर उन्हें दिए जाने वाले पैसों पर रोक लगा दी थी। “रेडबस” की नियुक्ति के बाद 2019 तक 14 लाख 49 हजार यात्रियों ने टिकट आरक्षित किया था। इसका अर्थ है कि, प्रत्येक यात्रियों से 18 रुपये के अनुसार इस कंपनी ने 4 करोड़ 1 लाख 91 हजार रुपये वसूल किए, जो लेखापरीक्षा (ऑडिट) में सामने आया। जिसके बाद “रेडबस” को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था।

सुराज्य अभियान ने मार्च 2022 में यात्रियों की ऑनलाइन लूट करने वाले “ऑनलाइन बुकिंग ऐप” पर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की थी। इस लूट के विषय में परिवहन निगम को देर से ही सही, जागृत हुआ है और उन्होंने इसके खिलाफ कठोर कदम भी उठाए है।

संबंधित अधिकारियों की जांच करेंगे तथा महाराष्ट्र परिवहन निगम के ऐप को अधिक अच्छा बनाने का प्रयास करेंगे – डॉ. माधव कुसेकर, उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक

एसटी परिवहन निगम के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक डॉ. माधव कुसेकर ने कहा है कि, रेडबस ऐप सहित अन्य दोन ऑनलाइन ऐप के साथ करार रद्द कर दिया गया है। 2019 में बीमा के नाम पर यात्रियों की लूट और उसके बाद भी जारी रहे करार से महाराष्ट्र परिवहन निगम को भारी नुकसान हुआ है। करार में निश्चित की गई रकम उन्हें दी जाएगी। अब एसटी परिवहन निगम का रेडबस ऐप से कोई संबंध नहीं होगा। संबंधित अधिकारियों की जांच होगी। एसटी के एमएसआरटीसी ऐप को अधिक सक्षम बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।

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