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पीड़ित परिजनों से मिलने के बाद मुख्यमंत्री की घोषणा
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राम मंदिर के विरोध में की थी हत्या
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर दहशत फैलाने के लिए 6 धर्मांधों ने बीते माह एक गोसेवक साधराम यादव की छत्तीसगढ़ के कवर्धा में हत्या कर दी थी। अब इस हत्या की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (NIA) को सौंपी जाएगी, इसका ऐलान छतीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया है।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री साय ने कहा, “पिछले दिनों साधराम यादव की निर्दयता से हत्या कर दी गई। उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी, फिर भी उनकी गला रेत कर हत्या कर दी गई, इस घटना की जितनी निंदा की जाए उतनी कम है। हमारे पास उनके भाई और पत्नी समेत परिजन न्याय माँग करने आए हैं। दोषियों की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है, लेकिन जिस निर्दयता के साथ हत्या हुई है, उसको देखते हुए परिजनों की माँग है कि उच्च स्तर की जाँच हो और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले।”
#WATCH | Raipur | Chhattisgarh CM Vishnu Deo Sai says, “Sadhram Yadav was murdered brutality. He had no enmity with anyone. Still, his throat was slit and he was murdered. The more it is condemned, the less it is. His relatives approached us today and demanded justice. The… pic.twitter.com/ud0URMMchC
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 29, 2024
मुख्यमंत्री साय ने जाँच को लेकर कहा, “हम इस जाँच को NIA को सौंपेंगे ताकि इसकी तह तक जाया जा सके। इसमें यदि और भी कोई पहलू है तो वह भी सामने आए क्योंकि ऐसी घटनाएँ दुश्मनी के कारण होती हैं। इस मामले में कोई दुश्मनी के बिना हत्या की गई, ऐसे में यह व्यक्ति नहीं बल्कि विचारधारा की हत्या है। इसलिए हम NIA जांच की संस्तुति करेंगे।”
गौरतलब है कि 20 जनवरी 2024 को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में लालपुर गाँव में अयाज, इदरीश, मेहताब और शेख रफीक समेत 6 ने मिलकर गोसेवक साधराम यादव (50) की ISIS आतंकियो की तरह गला रेत कर हत्या कर दी थी। बताया गया था कि हत्यारे 22 जनवरी, 2024 को होने वाली राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर दहशत फैलाना चाहते थे।
आरोपितों ने साधराम यादव से पहले भी जान-बूझकर विवाद किया था और ‘सर तन से जुदा’ करके हत्या कर दी। उनकी हत्या के बाद कवर्धा में लोगों का गुस्सा भड़क उठा था। प्रशासन ने आरोपितों को पकड़ने के साथ ही इनके घरों पर बुलडोजर भी चलाया था।
पुलिस ने इस मामले में 6 आरोपितों पर UAPA की धारा 16 लगाई थी। छत्तीसगढ़ में पहली बार नक्सलियों के लावा ऐसे मामले में UAPA का इस्तेमाल किया गया था। हत्या करने वाले अयाज और इदरीश का आतंकी कनेक्शन भी सामने आया था। अयाज के कश्मीर जाने और इदरीश के संदिग्ध के लोगों से मिलने की जानकारी भी मिली थी।
अयाज खान को गिरफ्तार कर उसके मोबाइल की जाँच की गई तो उसके लगातार कई बार जम्मू-कश्मीर जाने की जानकारी सामने आई। जब छत्तीसगढ़ से टीम जम्मू-कश्मीर भेजी गई तो आतंकवादियों से कनेक्शन सामने आए। एक अन्य आरोपित इदरीश खान के संदिग्धों से बात करने सम्बंधित जानकारी मिली थी। अब साधराम यादव की हत्या के मामले में राज्य सरकार और भी सख्त है और इसकी जाँच NIA से करवाएगी।
स्रोत: ऑप इंडिया