Menu Close

बालकोंको बताएं कि धर्मनिरपेक्ष शब्द विदेशी है ! – प्रा. दुर्गेश परुळेकर, हिंदू महासभा

ज्येष्ठ कृष्ण १४ , कलियुग वर्ष ५११५

हिंदू महासभाके प्रा. दुर्गेश परुळकेरजीने अपने मार्गदर्शनमें कहा कि हमारे बच्चोंको अत्यंत अयोग्य सीख दी जाती है कि सर्व धर्म समान हैं; परंतु बालकोंको बताना चाहिए कि धर्मनिरपेक्ष शब्द विदेशी है। प्रा. परुळकर हिंदू राष्ट्रकी स्थापनाके समक्ष आवाहन इस विषयपर बोल रहे थे ।

प्रा. परुळेकर आगे बोले –

१. वर्तमानमें राज्य सरकार छत्रपति शिवाजी महाराजको धर्मनिरपेक्ष बनानेका षड्यंत्र रच रही है । इस विषयमें प्रबोधन करना चाहिए ।

२. धर्म एवं राष्ट्रको अलग नहीं किया जा सकता । ये दोनों एक ही सिक्केके दो पहलू हैं । भारतको धर्मनिरपेक्ष शब्दकी आवश्यकता नहीं है ।

३. धर्मके कारण मानव सद्विचारी बन सकता है । प्रत्येक व्यक्तिमें मातृभाव तथा नम्रता निर्माण करनेकी क्षमता हिंदू धर्ममें है ।

४. भारतभूमि वीरोंको जन्म देनेवाली भूमि है । हिंदू कभी स्वयं आक्रमण नहीं करते; परंतु आक्रमणका प्रत्युत्तर देनेकी सीख हिंदू धर्म देता है ।

५. देशभरके १० सहस्र युवक ब्राह्मतेज एवं क्षात्रतेजसे संपूर्ण सक्षम बन जाएं, तो भी देश संपूर्ण सुरक्षित हो जाएगा ।

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *