CID ने कोर्ट की डेडलाइन से ढाई घंटे बाद दी कस्टडी
कोलकाता। संदेशखाली हिंसा के आरोपी शाहजहां शेख को सीबीआई ने बुधवार को अपनी हिरासत में ले लिया। कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय बलों के साथ सीबीआई बंगाल पुलिस के मुख्यालय पहुंची, जहां से उन्होंने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) से बर्खास्त किए गए नेता को कस्टडी में लिया। हालांकि, शाहजाहं शेख की हिरासत के लिए हाईकोर्ट ने जो समय-सीमा दी थी, उससे ढाई घंटे से ज्यादा समय लगा। अदालत ने अपने आदेश में कहा था कि शाहजहां शेख को दोपहर 4.15 बजे तक सीबीआई को सौंप दिया जाए, जिसके बाद यह घटनाक्रम सामने आया है।
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— Zee News (@ZeeNews) March 6, 2024
5 मार्च
शाहजहां शेख को बंगाल पुलिस ने नहीं सौंपा सीबीआई को; उच्च न्यायालय ने सौंपने का आदेश दिया था
कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी मंगलवार ५ मार्च को शाहजहां शेख की कस्टडी CBI को नहीं मिली। केंद्रीय जांच एजेंसी बंगाल पुलिस हेडक्वार्टर से २ घंटे के इंतजार के बाद खाली हाथ लौट गई।
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को शाम ४।३० बजे तक शेख को CBI को हैंडओवर करने के आदेश दिए थे। इसके अलावा, शेख का केस CBI को ट्रांसफर करने को भी कहा था।
साथ ही इस केस से जुड़े सभी कागजात देने का भी आदेश दिया था। इसके बाद शाम ४।४० बजे CBI की टीम उसे लेने के लिए भवानी भवन पुलिस हेडक्वार्टर पहुंची। इससे पहले राज्य सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया।
इसके बाद रात को ED के अफसरों ने कलकत्ता हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को इस बारे में बताया। ED ने शिकायत की कि बंगाल पुलिस ने कोर्ट के आदेश का उल्लंघन किया है। चीफ जस्टिस ने ईडी को बुधवार ६ मार्च को आने की सलाह दी। अब कल सुबह ११ बजे सुनवाई हो सकती है।
हाईकोर्ट ने कहा- बंगाल पुलिस का रवैया पक्षपातपूर्ण
ED की याचिका पर कलकत्ता हाईकोर्ट में चीफ जस्टिस टीएस शिवगणनम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने कहा, ‘पश्चिम बंगाल पुलिस का रवैया पूरी तरह से पक्षपातपूर्ण है। इसे देखते हुए निष्पक्ष और ईमानदार जांच की जरूरत है। हमें यह मानने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि राज्य की एजेंसियों से निष्पक्ष जांच की उम्मीद नहीं है।’
कोर्ट ने कहा, ‘बंगाल पुलिस आरोपी को बचाने के लिए लुका-छिपी का खेल रही है। आरोपी राजनीतिक रूप से प्रभावशाली व्यक्ति है। वह बंगाल पुलिस की जांच को प्रभावित कर सकता है।’
दरअसल, कलकत्ता हाईकोर्ट ने ED की सीबीआई को केस ट्रांसफर करने की याचिका पर सोमवार को फैसला रिजर्व रखा था। इस साल ५ जनवरी को शेख के लोगों ने छापेमारी के दौरान ईडी के टीम पर हमला किया था।
ईडी और राज्य सरकार ने अलग-अलग याचिकाएं दायर कर सिंगल बेंच के १७ जनवरी के उस आदेश को चुनौती दी थी जिसमें बेंच ने ED अधिकारियों पर भीड़ के हमले की जांच के लिए सीबीआई और राज्य पुलिस की जॉइंट स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) गठित करने का आदेश दिया था।
ED शाहजहां की १४ अचल संपत्तियां कुर्क कीं
ED ने मंगलवार को जानकारी दी कि शाहजहां शेख की १२।७८ करोड़ रुपए की १४ अचल संपत्तियों कुर्क की गई हैं। इनमें सरबेरिया, संदेशखाली और कोलकाता में अपार्टमेंट, कृषि भूमि, मछली पालन की जमीन के अलावा जमीन और मकान शामिल हैं। वहीं, दो बैंक अकाउंट भी सीज किए गए हैं।
अब आगे क्या होगा
हाईकोर्ट ने राज्य पुलिस के सदस्यों के साथ एक SIT एसआईटी गठित करने के पहले के आदेश को भी रद्द कर दिया और राज्य को सभी कागजात तुरंत CBI को ट्रांसफर करने को कहा। अब नजात पुलिस स्टेशन और बोनगांव पुलिस स्टेशन में दर्ज तीन मामलों को सीबीआई को सौंपा जाएगा। इनके अलावा शेख पर अलग-अलग अपराधों में ४२ से ज्यादा मामले दर्ज हैं।
शेख को ED की टीम पर हमले के केस में २९ फरवरी को नॉर्थ २४ परगना के मीनाखान इलाके से गिरफ्तार किया गया था। वह ५५ दिन से फरार था। फिलहाल शाहजहां शेख अभी १० दिन की पुलिस रिमांड पर है।
स्त्रोत : दैनिक भास्कर