Menu Close

मथुरा के विवादित शाही ईदगाह में कृष्ण कूप की पूजा, श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष समेत ७ हिरासत में

अद्ययावत

शीतला अष्टमी पर पहुंची हिन्दू महिलाएं

  • श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट ने दी चुनौती !
  • १  तथा २ अप्रैल को की जाएगी पूजा !

मथुरा (उत्तर प्रदेश) – श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति निर्माण ट्रस्ट के अध्यक्ष आशुतोष पांडेय ने सोशल मीडिया के माध्यम से एक वीडियो प्रसारित करके जिला प्रशासन तथा ईदगाह मस्जिद समिति को चेतावनी दी है । पांडेय ने कहा कि १ तथा २ अप्रैल को सप्तमी तथा अष्टमी है । उस दिन हिन्दू मस्जिद परिसर में स्थित कृष्ण कूप की पूजा करने आएंगे । अगर किसी में साहस है तो रोक ले । हम निश्चित ही वहां पूजा करेंगे । पूजा करना हमारा अधिकार है । हमने ५ मार्च को जिला अधिकारी से अनुमति मांगी थी । अभी तक हमें इस संदर्भ में कुछ भी जानकारी नहीं दी गई है । तथापि हम रुकने वाले नहीं हैं ।

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर तथा शाही ईदगाह मस्जिद की सुरक्षा के लिए केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल तथा पुलिस तैनात है । दोनों परिसरों में आने-जाने वाले प्रत्येक व्यक्ति की गहन जांच की जाती है । दोनों परिसरों में भ्रमणभाष (मोबाइल फोन) प्रतिबंधित हैं । ट्रस्ट द्वारा पांडेय का यह वीडियो प्रसारित करने के उपरांत जिला प्रशासन ने सतर्कता बढा दी है ।

स्रोत : हिन्दी सनातन प्रभात


७ मार्च

मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के कुएं की पूजा करने से रोक कर दिखाएं !

शाही ईदगाह की सीढियों के नीचे होनेवाले कृष्ण-कूप की पूजा के अधिकार के लिए अर्जी दाखिल

मथुरा के विवादित शाही ईदगाह ढाँचा के भीतर हिन्दू महिलाओं ने कृष्ण कूप पर पूजा की है। महिलाओं ने शीतला अष्टमी के मौके पर पारम्परिक रूप से बसौडे की पूजा अर्चना सम्पन्न की है। इस मामले में पूजा के अधिकार को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका पर सोमवार (१ अप्रैल, २०२४) को सुनवाई भी होनी है।

जानकारी के अनुसार, विवादित शाही ईदगाह ढाँचा परिसर में स्थित इस कृष्ण कूप पर ३४ हिन्दू महिलाएँ सोमवार सुबह (१ अप्रैल, २०२४) पहुँची। इन महिलाओं ने सुबह ५ बजे पारम्परिक रूप से पूजा संपन्न की। महिलाओं ने शीतला माता की भी पूजा की। हालाँकि, इस कुएँ की पूजा और किसी को नहीं करने दी गई।

कृष्ण कूप की पूजा के लिए जाने वाले अन्य सात व्यक्तियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। इन लोगों में श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। इन लोगों ने पहले ही इस मामले में ऐलान कर रखा था कि वह शीतला अष्टमी के दिन जरुर पूजा करेंगे। इसको लेकर इस परिसर में पुलिस बल तैनात किया गया है। इस कुएँ में पूजा को लेकर CM योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा जा चुका है।

इससे पहले इस कृष्ण कूप पर पूजा के अधिकार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका भी दाखिल की गई थी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष यह याचिका श्रीकृष्ण जन्मभूमि मुक्ति न्यास के अध्यक्ष महेन्द्र प्रताप सिंह ने लगाई थी। उन्होंने कहा हथा कि शाही ईदगाह विवादित ढाँचा में सीढ़ियों के पास बने कुँए पर लम्बे समय से हिन्दू पूजा करते आए हैं, लेकिन अब मुस्लिम इसमें व्यवधान उत्पन्न कर रहे हैं। यह कुआँ हिन्दुओं के लिए धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है और इसका निर्माण श्रीकृष्ण के प्रपौत्र वज्रनाभ ने करवाया था।

इस कुएँ पर महिलाएँ होली के त्यौहार के बाद शीतला माता की पूजा करती हैं। यह पूजा लम्बे समय से होती आई है। लेकिन जबसे श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर हिन्दुओं ने सर्वे सहित अन्य माँगे चालू की हैं, तबसे मुस्लिम पक्ष इस पूजा में व्यवधान डालने लगा है। अब इस पूजा को करवाने के लिए प्रशासन को भारी पुलिस बल की तैनाती करनी पड़ती है। पिछले वर्ष भी ऐसा ही हुआ था।

याचिका लगाने वाले महेन्द्र प्रताप सिंह का कहना था कि मुस्लिम पक्ष का यह रवैया तब है जब यहाँ पूजा को लेकर कोर्ट का रोक जैसा कोई आदेश नहीं है। उन्होंने बताया था कि यहाँ लोग अपने बच्चों का मुंडन आदि करवाते थे। यहाँ पर हिन्दुओं का पूजा का अधिकार सुरक्षित हो सके, ऐसे में हाई कोर्ट में याचिका लगाई गई थी।

गौरतलब है कि यह शाही ईदगाह वर्तमान में विवादित है और इसको लेकर न्यायालयों में कई याचिकाएँ पड़ी हुई हैं। हिन्दू पक्ष का कहना है कि मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर के बराबर में बनी शाही ईदगाह वाला ढाँचा जबरन वही बना दिया गया जहाँ भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था। इस जगह पर कब्जा करके ढाँचा बनाया गया है। यहाँ अभी भी कई ऐसे सबूत हैं जो कि यह सिद्ध करते हैं कि यहाँ पहले एक मंदिर हुआ करता था।

हिन्दू पक्ष का दावा है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म राजा कंस के कारागार में हुआ था और यह जन्मस्थान शाही ईदगाह के वर्तमान ढाँचे के ठीक नीचे है। सन् १६७० में मुगल आक्रांता औरंगज़ेब ने मथुरा पर हमला कर दिया था और केशवदेव मंदिर को ध्वस्त करके उसके ऊपर शाही ईदगाह ढाँचा बनवा दिया था और इसे मस्जिद कहने लगे। १३.३७ एकड़ जमीन पर दावा करते हुए हिन्दू यहाँ से शाही ईदगाह ढाँचे को हटाने की माँग करते रहे हैं।

स्राेत : ऑप इंडिया

Related News

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *