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वन विभाग की भूमि पर अल्पसंख्यकों द्वारा अवैध धार्मिक विधि !

  • दुर्गप्रेमी ने इसकी शिकायत पुरातत्‍व विभाग तथा वन विभाग से की है, परंतु उन्‍होंने अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है ! अगर कोई यह सोचे कि ’पुरातत्‍व विभाग तथा वन विभाग मुसलमानों से धोखा खा जाएंगे’ तो अनुचित क्‍या है ?
  • शिव प्रेमियों, ग्रामीणों तथा हिन्‍दुओं को समय रहते संबंधित अधिकारियों को फटकार लगानी चाहिए एवं इस प्रकार के व्‍यवहार को रोकने के लिए बड़े स्‍तर पर संगठित होना चाहिए !
  • एक ओर धर्मांध पुरातत्व विभाग तथा वन विभाग को अनदेखा कर हिन्दुओं के प्राचीन स्थलों पर अवैध धार्मिक गतिविधियां करते हैं, वहीं दूसरी ओर हिन्दू प्राचीन मंदिरों में पूजा-अर्चना की अनुमति देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर निवेदन देते हैं । धर्मनिरपेक्षता को कलंकित करने वाली यह स्थिति भारत के लिए लज्जास्पद है ! – संपादक

पुणे – लोहगढ़ पर अवैध रूप से दरगाह का निर्माण करने के उपरांत, अल्पसंख्यक इस किले के आधार पर वन विभाग की भूमि पर दिन-रात अवैध धार्मिक विधियां कर रहे हैं । पिछले कुछ दिनों से मुल्ला (शरीयत तथा इस्‍लामी सिद्धांत के विद्वान) तथा मौलवी (इस्‍लाम के धार्मिक नेता) यहां आ रहे हैं एवं शाम से सुबह तक कुछ धार्मिक गतिविधियां की जा रही हैं । स्‍थानीय दुर्ग प्रेमियों के विरोध करने पर भी यह विधियां आरंभ हैं ।

1. लोहगढ़ केन्‍द्रीय पुरातत्‍व विभाग के अधिकार क्षेत्र में आता है । कुछ वर्ष पूर्व इस किले के एक पत्‍थर पर हरे रंग की चादर चढ़ाई गई थी । उसके उपरांत एक फकीर वहां आकर बैठ गया । किले पर एक मजार (मुस्‍लिम कब्र) बनाई गई थी । पिछले कुछ वर्षों से इस मजार पर हाजी हजरत उमरशाहवली बाबा दरगहा की ओर से अवैध रूप से उरूस मनाया जा रहा था ।

2. कोरोना महामारी के समय लोहगढ़ स्‍थित इस दरगाह के चारों ओर दीवारें बनाकर दरगाह का निर्माण आरंभ किया गया था । इसके विरोध में स्‍थानीय किले प्रेमियों द्वारा पुरातत्‍व विभाग से शिकायत की गई है ।

3. स्‍थानीय शिव प्रेमियों के विरोध के उपरांत यहां का उरुस पिछले २-३ वर्षों से बंद है । जिस प्रकार किले में अवैध रूप से धार्मिक विधि आरंभ कर दरगाह बना दी गई, उसी प्रकार किले के नीचे धार्मिक विधि आरंभ कर वन विभाग की भूमि हड़पने की आशंका भी किला प्रेमियों द्वारा व्‍यक्‍त की जा रही है ।

भूमि जिहाद के माध्‍यम से भूमि हड़पने का षड्यंत्र ! – विश्‍वनाथ जावलीकर, अध्‍यक्ष, मावल एडवेंचर चैरिटेबल ट्रस्‍ट तथा गढ-किले चैरिटेबल ट्रस्‍ट

पिछले कुछ दिनों से मुल्ला-मौलवी लोहगढ़ पर विसापुर टॉवर के नीचे गायमुख दर्रे में रह रहे हैं । कुछ मुसलमान शाम से इस स्‍थान पर आते हैं । यहां रात देर रात तक धार्मिक विधियां होती रहती हैं । मैंने स्‍वयं वहां जाकर यह सब देखा है । हम दुर्ग प्रेमियों ने इसे रोकने के लिए पुरातत्‍व विभाग तथा वन विभाग को सूचित किया है; लेकिन ये प्रकार अभी भी चल रहे हैं । यह भूमि जिहाद का षड्यंत्र है । भूमि जिहाद के माध्‍यम से इस भूमि को हड़पने का प्रयास किया जा रहा है ।

स्त्रोत : हिंदी सनातन प्रभात

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