-
राजधानी में नमाज पढ रहे लोगों को पुलिस अधिकारी द्वारा लात मारने का प्रकरण !
-
राजा सिंह की ओर से देहली पुलिस का समर्थन !
-
कांग्रेस ने देहली पुलिस की कार्रवाई को लज्जास्पद बताया !
भाग्यनगर (तेलंगाना) – ८ मार्च की अपरान्ह को उत्तरी देहली के इंद्रलोक क्षेत्र में पुलिस उपनिरीक्षक मनोज तोमर ने सडक पर नमाज पढ रहे लोगों को लात मारी । इसका चलचित्र व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है और मुसलमानों ने इसका विरोध किया है। इसलिए तोमर को देहली पुलिस ने निलंबित कर दिया । इस संबंध में भाग्य नगर से भाजपा के प्रखर हिन्दुत्ववादी विधायक टी. राजा सिंह ने मनोज तोमर का समर्थन किया है । उन्होंने कहा कि देश में ६ लाख मस्जिदें होते हुए सार्वजनिक मार्ग पर आवागमन को अवरुद्ध कर नमाज पढना कौन सी बुद्धिमत्ता है ? मैं इस प्रकरण में देहली पुलिस का पूरा समर्थन करता हूं ।’ पुलिस (मनोज तोमर) ने कुछ भी त्रुटिपूर्ण नहीं किया है ।
देश भर में 6 लाख मस्जिदों के बावजूद सड़क जाम करके नमाज़ अदा करना कौन सी समझदारी है?
इस मामले में मेरा पूरा समर्थन @DelhiPolice के साथ है। पुलिस ने कुछ गलत नहीं किया है।
— Raja Singh (Modi Ka Parivar) (@TigerRajaSingh) March 8, 2024
८ मार्च, शुक्रवार को प्रार्थना के समय इस घटना के विरोध में क्षेत्र के मुसलमानों ने ‘सडक अवरुद्ध कर´ विरोध प्रदर्शन किया । प्रकरण गरमाने पर तोमर को निलंबित कर दिया गया । गत २४ घंटों में इस पूरे प्रकरण की ‘X’ पर बहुत चर्चा हो रही है । #IStandWithManojTomar, ‘देहली पुलिस’, ‘रोड जाम’, ‘मनोज तोमर’ जैसे भिन्न ‘हैशटैग’ और ‘कीवर्ड’ को सहस्राब्दी हिन्दुओं द्वारा समर्थन दिया गया है । दूसरी ओर, कांग्रेस और कथित धर्मनिरपेक्षतावादियों जैसे कुछ कट्टरपंथियों ने धर्मांध कट्टर मुसलमानों का समर्थन किया और पुलिस कार्रवाई को अयोग्य बताया ।
अल्पसंख्यकों का तुष्टिकरण करने वाले कुछ कांग्रेसी !
- कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, “यह (लात मारने का कृत्य ) अमित शाह की देहली पुलिस का आदर्श वाक्य है – ‘शांति, सेवा, न्याय’।” इसके लिए वे पूरी निष्ठा से काम कर रहे हैं ।
- कांग्रेस नेता इमरान प्रतापगढी ने कहा, ‘घृणा क्यों है ? यह व्यक्ति वास्तव में मानवता के सिद्धांतों को नहीं समझता है ।’
- देहली कांग्रेस ने कहा, ‘अत्यंत लज्जास्पद ! देहली पुलिस सडकों पर नमाज पढ रहे लोगों को लात मार रही है । इससे अधिक लज्जास्पद क्या हो सकता है ?’
स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात