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संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द निकालने के लिए सुधार करना पडेगा – अनंत कुमार हेगडे

वह कांग्रेस ही थी जिसने आपातकाल के समय बहुमत के आधार पर संविधान में संशोधन किया था एवं समाजवादी तथा धर्मनिरपेक्ष शब्द डाले थे, यह कैसे भूल गईं ? अब यदि जनता उन शब्दों को हटाना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है ? – संपादक 

भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगडे का सार्वजानिक सभा में विधान !

सिद्धपुर (कर्नाटक) – हमें संविधान में बदलाव करना होगा । कांग्रेस के समय संविधान में कुछ अनावश्यक बदलाव किए गए, विशेष रूप से हिन्दुओं को अंकित रखने के लिए बदलाव किए गए थे । अब हिन्दुओं के लाभ के लिए संविधान से ‘धर्मनिरपेक्ष’ शब्द निकालना पड सकता है । यदि ये सभी बदलाव करने होंगे, तो यह लोकसभा में बहुमत से नहीं होगा । हमें लोकसभा और राज्यसभा दोनों में तीन चौथाई बहुमत चाहिए, ऐसा विधान भाजपा के सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार हेगडे ने एक सभा में किया । आने वाले लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि पर सांसद हेगडे ने यह विधान किया ।

‘डाॅ. आंबेडकर द्वारा बनाए संविधान में रहने के लिए भाजपा को इतनी परेशानी क्यों ?’ – कांग्रेस

१. सांसद हेगडे के इस विधान पर कांग्रेस ने टिप्पणी की है । कांग्रेस के एक्स खाते से कहा गया है कि, एक समय भाजपा के सांसद संविधान में बदलाव करने की भाषा का प्रयोग कर रहे थे । अब वे संविधान में सुधार करने के संकेत दे रहे हैं । ‘डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा निर्माण किए संविधान की चौखट में रहने में भाजपा नेताओं को क्या परेशानी लगती है ?’, ऐसा प्रश्न पूछा है ।

२. राहुल गांधी ने भी टिप्पणी करते हुए पोस्ट की है कि, संविधान बदलने का भाजपा सांसद का वक्तव्य नरेंद्र मोदी और उनके ‘संघ परिवार’ की छुपी इच्छाओं की घोषणा है । उन्हें न्याय, समानता, नागरिक अधिकार और लोकतंत्र से घृणा है । स्वतंत्रता सेनानियों के स्वप्न सहित यह षड्यंत्र हम सफल नहीं होने देंगे और संविधान ने दिए लोकतंत्र के अधिकारों के लिए अंतिम सांस तक लडते रहेंगे ।

स्रोत : हिंदी सनातन प्रभात

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