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अब अहिल्यानगर के नाम से जाना जाएगा अहमदनगर; शिंदे सरकार ने बदला नाम

महाराष्ट्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई बड़े फैसले किए हैं। शिंदे कैबिनेट ने अहमदगनर जिले का नाम बदलकर अहिल्या नगर कर दिया है। इसके साथ ही महाराष्ट्र कैबिनेट ने आठ मुंबई रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने का फैसला किया है। वहीं, पुणे जिले के वेल्हे तालुका का नाम भी राजगढ़ रखने का प्रस्ताव पारित किया गया है।

महाराष्ट्र कैबिनेट ने फैसला किया है कि ब्रिटिश काल के नाम वाले स्टेशनों के नाम बदल दिए जाएंगे। जानकारी के मुताबिक, जिन आठ स्टेशनों के नाम बदले जाने हैं उन्हें मध्य रेलवे और पश्चिमी रेलवे संचालित करते हैं। विधायी मंजूरी के बाद प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय और रेल मंत्रालय को भेजा जाएगा। राज्य सरकार पहले ही मुंबई सेंट्रल स्टेशन का नाम बदलकर नाना जगन्नाथ शंकर सेठ स्टेशन करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेज चुकी है।

इसके साथ ही कैबिनेट ने उत्तान (भायंदर) और विरार (पालघर) के बीच समुद्री लिंक बनाने को भी मंजूरी दे दी है। कैबिनेट में लिए गए फैसलों में जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में महाराष्ट्र भवन बनाने के लिए 2.5 एकड़ जमीन खरीदने का फैसला भी शामिल है। गौरतलब है कि इसके लिए बजट प्रस्ताव महाराष्ट्र विधानसभा के पिछले बजट सत्र में राज्य के बजट में पहले ही किया जा चुका था।

लंबे समय से चल रही थी अहमदनगर का नाम बदलने की मांग

गौरतलब है कि अहमदनगर का नाम बदलने की मांग लंबे समय से चल रही थी। साल 2022 में  भाजपा विधायक गोपीचंद पडलकर ने तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर जिले का नाम बदलकर “अहिल्यानगर” करने की मांग की थी। उन्होंने पत्र में कहा था कि अहमदनगर रानी अहिल्यादेवी होलकर का जन्म स्थान है। इसलिए अहमदनगर शहर का नाम बदलकर अहिल्यानगर करना रानी अहिल्या देवी होलकर का सम्मान करने जैसा है। मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में पडलकर ने लिखा था कि यह सिर्फ उनकी मांग नहीं हैं, बल्कि लोगों की भावना है कि अहमदनगर का नाम अहिल्यानगर हो। उन्होंने कहा कि जब मुगल सैनिक हिंदू मंदिर गिरा रहे थे, तब अहिल्यादेवी होलकर ने उनका पुनर्निर्माण कराकर हिंदू संस्कृति को बचाया था। इसलिए वह हर हिंदू के लिए आदर्श हैं।

इससे पहले शिंदे सरकार ने औरंगाबाद और उस्मानाबाद शहरों का नाम बदलकर क्रमश: छत्रपति संभाजीनगर और धाराशिव कर दिया था। एमवीए सरकार की पिछली कैबिनेट बैठक में औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजीनगर कर दिया गया था, लेकिन शिंदे सरकार ने इसमें ‘छत्रपति’ शब्द जोड़ा था।

स्रोत : अमर उजाला

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