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असम : रकीबुद्दीन अहमद ने हिन्दू नाम से फेसबुक पर बनाई आईडी, भगवान राम और माता सीता का किया अपमान

सर्वोच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी पर लगाई रोक

सर्वोच्च न्यायालय ने शुक्रवार को असम के मुस्लिम कवि रकीबुद्दीन अहमद को अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी, जिस पर हिंदू देवताओं भगवान राम और सीता के बारे में एक अश्लील कविता पोस्ट करने का आरोप है। सर्वोच्च न्यायालय के जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एसवीएन भट्टी की बेंच ने एकपक्षीय सुनवाई में इस मामले में असम सरकार से जवाब भी मांगा है।

बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्णय को पटलते हुए अहमद को जमानत दी, क्योंकि उसने ‘माफी’ माँग ली थी। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि, रकीब उद्दीन जांच में सहयोग करेगा, इसलिए उसे गिरफ्तार न किया जाए। खास बात ये है कि, रकीबुद्दीन अहमद को बचाने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में उतरे 4 वकीलों में से 3 हिंदू हैं। इस केस में रकीबुद्दीन के लिए एडवोकेट शाहरुख खान, आकृति चौधरी, शांतनु सिंह और साधना माधवन ने कोर्ट में पैरवी की।

गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने नहीं दी थी राहत

रकीबुद्दीन अहमद ने फेसबुक पर नीलाभ सौरभ नाम से गलत पहचान वाली एक आईडी बनाई और उस पर भगवान राम और माता सीता का अपमान करने वाली कविता पोस्ट की। इस मामले में उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में वो फरार चल रहा था और 22 फरवरी को गुवाहाटी उच्च न्यायालय में गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने उसकी याचिका खारिज करते हुए पुलिस के सामने आत्मसमर्पण के लिए कहा था।

इस मामले में रकीबुल हसन के खिलाफ दो धार्मिक समुदायों के बीच शत्रुता बढ़ाने और धार्मिक भावनाओं को ढेस पहुँचाने के मामले में केस दर्ज हुआ था। गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा था कि, रकीब ने अपनी पहचान बदल कर जो काम किया, वो बेहद गंभीर है। ऐसे में उसे पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ की जरूरत है। उच्च न्यायालय ने इस मामले में गवाहों को प्रभावित करने की आशंका भी जताई थी। इसके बाद उसने तुरंत ही सर्वोच्च न्यायालय का रुख किया था और अब सर्वोच्च न्यायालय ने उसे गिरफ्तारी से राहत दे दी है।

स्रोत : ऑप इंडिया

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