उत्तर प्रदेश के बदायूँ में दो हिन्दू बच्चों की हत्या करने वाले साजिद के जनाजे की एक तस्वीर सामने आई है। साजिद के जनाजे में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए हैं। साजिद की मौत पुलिस एनकाउंटर में गोली लगने से हो गई थी। साजिद को गुरूवार (२१ मार्च, २०२४) को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया। उसका जनाजा गाँव सखानू में निकाला गया। इससे पहले उसका पोस्टमार्टम भी किया गया। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया था। साजिद के जनाजे में आसपास की मुस्लिम आबादी बड़ी संख्या में आई थी।
इसकी कुछ वीडियो- फोटो भी वायरल हुईं। साजिद के जनाजे में शामिल भीड़ कई लोगों ने सोशल मीडिया पर गुस्से का इजहार किया। साजिद के जनाजे पर आनंद रंगनाथन ने एक्स पर लिखा, “साजिद ने ११ वर्षीय आयुष और ६ वर्षीय अहान का गला काट दिया और फिर कथित तौर पर उनका खून भी पिया। रमज़ान के पवित्र महीने में। ये उसके जनाजे का फोटो है।”
Sajid slit the throats of eleven year-old Ayush and six year-old Ahaan and then reportedly drank their blood. In the holy month of Ramzan.
This is the scene from his funeral. pic.twitter.com/CqEkRgycVs
— Anand Ranganathan (@ARanganathan72) March 22, 2024
एक सोशल मीडिया यूजर ने लिखा, “बदायूं में बच्चों का हत्यारा मोहम्मद साजिद का जनाजा देखिये। हजारों लोग मोहम्मद साजिद के जनाजे में हैं। इस तस्वीर से क्या संदेश मिलता है ?”
बदायूं में बच्चों का हत्यारा मोहम्मद साजिद का जनाजा देखिये। हजारों लोग मोहम्मद साजिद के जनाजे में हैं। इस तस्वीर से क्या संदेश मिलता है ? pic.twitter.com/AJBAbEsFLu
— अंजली चौधरी (मोदी का परिवार) (@anjalideshbhkt) March 22, 2024
एक अन्य यूजर ने लिखा, “मासूम बच्चों के हत्यारे साजिद के जनाजे में इतनी भीड़ ? शायद उसने अपने किसी बड़े मिशन को पूरा किया है इसलिए उसके जनाजे के पीछे इतनी भीड़ है। इनमें अच्छे कितने हैं और बुरे कितने हैं आप स्वयं सोच लीजिए।”
मासूम बच्चों के हत्यारे #साजिद के जनाजे में इतनी भीड़ ?
शायद उसने अपने किसी बड़े मिशन को पूरा किया है इसलिए, उसके जनाजे के पीछे इतनी भीड़ है ???
इनमें अच्छे कितने हैं और बुरे कितने हैं ??? आप स्वयं सोच लीजिए !#Badaun #BadaunHorror #Sajid #BudaunCase #UttarPradesh pic.twitter.com/7guoqICkXK
— Ram Tyagi Hindu (@RamTyagiHindu) March 21, 2024
साजिद के जनाजे में निकली सैकड़ों मुस्लिमों की भीड़ पर जिन-जिन को गुस्सा आ रहा है या आश्चर्य हो रहा है, उनको ९ साल पहले २०१५ में याकूब मेमन के जनाजे की तस्वीर-वीडियो देखनी चाहिए। कौन था याकूब मेमन? कई मासूमों का हत्यारा था, आतंकी था… जिसे भारतीय संविधान और कानून के तहत फाँसी दी गई थी। इतने साफ-साफ तथ्य के बाद भी मुस्लिम समाज याकूब मेमन के साथ खड़ा हुआ, उसके कृत्यों के कारण उस पर थूका नहीं।
साजिद ने भी २ मासूम बच्चों की हत्या की। उसका खुद का भाई जावेद इस बात की गवाही दे रहा है। लेकिन हुआ क्या? क्या उसके समाज ने साजिद से मुँह मोड़ लिया। उसके किए पर क्या उसका समाज शर्मिंदा है? क्या #AshamedAsAMuslim जैसा कोई ट्रेंड सोशल मीडिया पर चला? क्या किसी सेलिब्रेटी ने इस्लाम के प्रतीक-चिन्हों पर चाकू/उस्तूरा/खून आदि लगा कर कार्टून या ग्राफिक्स शेयर किया? नहीं। न ऐसा कुछ किसी ने किया, न करेगा, न पहले कभी किसी ने किया।
हत्यारा इस्लाम को मानने वाला था, साजिद के समाज-समुदाय को बस इससे मतलब है। उसने क्या किया, कितना जघन्य किया, इससे इस समुदाय को कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। कंधा देने के लिए साजिद के ४ परिवार वाले काफी थे लेकिन जनाजे में शामिल हुई सैकड़ों की भीड़। यह भीड़ न याकूब के समय कम पड़ी, न साजिद के समय। बदलाव होगा जैसे किसी मुगालते में न रहें, आगे भी किसी हत्यारे/आतंकी/बलात्कारी मुस्लिम अपराधी के जनाजे में यह भीड़ आपको दिखेगी। ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ नाम ऐसे ही किसी ने भावनाओं में आकर नहीं दिया है। यही इनकी हकीकत है।
क्या किया था साजिद ने?
१९ मार्च, २०२४ की शाम को बदायूं में नाई की दुकान चलाने वाले साजिद ने दो हिन्दू बच्चों आयुष और अहान की छुरी से रेत कर हत्या कर दी थी। साजिद यह हत्या करके फरार हो गया था। यूपी पुलिस ने साजिद को उसी दिन मुठभेड़ में मार गिराया था। घटना के दौरान मौजूद रहा साजिद का भाई जावेद फरार था। जावेद को गुरूवार (२१ मार्च, २०२४) को गिरफ्तार किया गया था। साजिद का इसके बाद पोस्टमार्टम हुआ और फिर जनाजा निकाला गया।
स्त्रोत : ऑप इंडिया