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हिन्दू जनजागृति समिति द्वारा कोल्हापुर जिले के पन्हालगढ पर ‘एक दिन छ. शिवाजी महाराज के सान्निध्य में’ अभियान

अभियान के अंतर्गत पन्हालगढ की स्वच्छता, श्रीकृष्ण मंदिर की स्वच्छता एवं व्याख्यान !

ऐतिहासिक स्थान की जानकारी देते हुए समिती के (१) श्री. प्रथमेश गावडे

कोल्हापुर – छत्रपति शिवाजी महाराजजी की वृत्ति के समान युवा पीढी निर्माण करने एवं युवा पीढी को ध्येयवादी बनाने के लिए हिन्दू जनजागृति समिति की ओर से १७ मार्च को ‘एक दिन शिवाजी महाराज के सान्निध्य में’ ऐसा दृष्टिकोण रखकर पन्हाल गढ पर एक दिवसीय अभियान का आयोजन किया गया था । वीर शिवा काशीद की समाधि के दर्शन लेकर इस अभियान का आरंभ किया गया । समिति के श्री. प्रथमेश गावडे एवं कु. नयना दळवी ने सहभागी युवकों को पन्हाल गढ पर स्थित भिन्न भिन्न ऐतिहासिक स्थान दिखाए तथा तेजस्वी इतिहास की जानकारी दी । सहभागी युवकों द्वारा गढ की स्वच्छता करते हुए प्लास्टिक की बोतलें एकत्रित की गई । युवकों ने गढ पर स्थित विश्वासराव गायकवाड एवं खंडेराव गायकवाड की समाधि स्थानों की स्वच्छता की । प्राचीन श्रीकृष्ण मंदिर की भी स्वच्छता की । इस अभियान में जिले के ४० युवक-युवतियां सम्मिलित हुए थे ।

पन्हालगढ के अभियान में उपस्थित युवक
पन्हालगढ के अभियान में श्रीकृष्ण मंदिर की स्वच्छता करते हुए युवक-युवतियां

छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श आंखों के सामने रखकर युवकों को राष्ट्र-धर्म के कार्य में समर्पित होना चाहिए ! – आनंदराव काशीद

इस अभियान के समापन के समय स्वराज्य के लिए प्राणार्पण करनेवाले वीर शिवा काशीद के १३ वें वंशज आनंदराव काशीद ने युवकों का मार्गदर्शन किया । श्री. काशीद ने कहा, ‘पांडव जब अज्ञातवास में थे, तब वे इसी परिसर में रुके थे । इस गढ पर भगवान श्रीकृष्ण एवं पांडवों की भेंट हुई है । पंचगंगा नदी में गुप्त हुई सरस्वती नदी का उद्गम इसी गढ से होता है । इस कारण इस गढ में कभी भी पानी की कमी प्रतीत नहीं होती । छत्रपति शिवाजी महाराज एवं छत्रपति संभाजी महाराज की अंतिम भेंट भी इसी गढ पर हुई थी । हमारा सौभाग्य है कि जिस गढ पर छत्रपति शिवाजी महाराज का निवास था, ऐसे गढ की भूमि का स्पर्श करने का लाभ हमें मिला । इस कारण छत्रपति शिवाजी महाराज का आदर्श आंखों के सामने रखकर युवकों को राष्ट्र-धर्म कार्य में झोंक देना चाहिए ।’

इस अवसर पर ‘विशालगढ की सुरक्षा एवं अतिक्रमण विरोधीकृति समिति’ के श्री. बाबासाहेब भोपळे ने भी युवकों का मार्गदर्शन किया । हिन्दू-राष्ट्र स्थापना की प्रतिज्ञा लेते हुए, इतिहास का जागरण करते हुए अभियान संपन्न हुआ ।

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