जिंदा जलने से बाल-बाल बचा राजबलि चौहान का परिवार
उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में एक हिंदू परिवार का घर कासिम नाम के मुस्लिम व्यक्ति ने फूंक दिया, क्योंकि बच्चे के खेलते समय उसे गेंद लग गई थी। इस आगजनी में पीड़ित परिवार के छप्पर वाले घर में बंधी तीन गोवंश जानवर झुलस गए, जिनका इलाज अभी पशु अस्पताल में चल रहा है। गनीमत रही कि पीड़ित परिवार किसी तरह घर निकलकर अपनी और परिवार की जान बचाई। आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में आरोपित को पकडा और फिर चालान करके उसे जेल भेजने की जगह घर भेज दिया।
ये मामला उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले का है। जहां के हरैया थाना इलाके के मुस्लिम बहुल गांव शेरवादीह में महज तीन घर मुस्लिमों से अलग हैं। बाकी पूरा गांव मुस्लिमों का है। इस गांव के रहने वाले राजबलि चौहान का आरोप है कि दो दिन पहले उनका ८ साल का नाती खेल रहा था, तभी उसकी गेंद कासिम के पैर में लग गई। कासिम ने इसके बदले बच्चे की न सिर्फ शिकायत घर पर की, बल्कि घर वालों को धमकाया भी। यही नहीं, जब बच्चे के पिता ने विरोध किया, तो पूरे परिवार को जिंदा जला देने की धमकी दी और चला गया।
आरोप है कि एक सप्ताह बाद कासिम ने १८ मार्च २०२४ की देर रात उसके छप्परनुमा घर पर ज्वलनशील पदार्थ डाला और आग लगा दी। इस दौरान पूरा परिवार उसी छप्परनुमा घर में सो रहा था। आग तेजी से बढ़ी तो पूरे परिवार ने किसी तरह से जान बचाई। इस दौरान छप्परनुमा घर में बंधे तीन गोवंश झुलस गए, जिनका पशु चिकित्सालय द्वारा इलाज किया जा रहा है।
इस मामले में पीड़ित राजबलि ने पुलिस में शिकायत की, तो थाने में उनकी बात नहीं सुनी गई, जिसके बाद हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने थाने में प्रदर्शन किया, तब जाकर पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इसके बावजूद पुलिस ने कासिम का मामूली धाराओं में चालान करके छोड़ दिया।
पुलिस पर लग रहे आरोपों को डीएसपी अशोक कुमार मिश्रा ने गलत बताया है। उन्होंने कहा कि शिकायत मिलने के बाद हमने एफआईआर दर्ज कर ली है, जिसमें कासिम को मुख्य आरोपित बनाया गया है। उन्होंने कहा कि अग्निकांड में झुलसे गोवंशों का इलाज अभी जारी है।
स्त्रोत : ऑप इंडिया