ज्येष्ठ कृष्ण १४ , कलियुग वर्ष ५११५
रामनाथी, गोवा : नेपालमें ८१ प्रतिशत हिंदू होनेपर भी अल्पसंख्यक साम्यवादियोंने वहां देशका अंतरिम संविधान निर्माण कर नेपालको धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र घोषित किया । ऐसा होनेपर भी वहांकी हिंदू संस्कृति और परंपरा नष्ट नहीं हुई । नेपाल जिस प्रकार, आजसे पहले हिंदू राष्ट्र था, उसी प्रकार आज भी हिंदू राष्ट्र है, ऐसे दृढ विचार हिंदू राष्ट्र नेपाल वैदिक साम्यवादी संगठनके श्री. जगदबहादुर थापाने व्यक्त किए ।
श्री. जगदबहादुर थापा ने कहा,
१. भारत, श्रीलंकाकी भांति नेपालमें हिंदुओंपर अत्याचार नहीं होते । नेपालमें आज भी गोहत्यापर पूर्णतः प्रतिबंध है तथा गोहत्या करनेवालेको १० वर्ष कारावासका दंड होता है । नेपाल, ऋषि-मुनियोंकी तपोभूमि, ज्ञानभूमि है ।
२. ऐसा होनेपर भी, आजकल अमरिकी और मुसलमान राष्ट्रोंकी नेपालपर वक्रदृष्टी है । नेपालमें एक ओर जहां ६०० ईसाई संस्थाएं कार्यरत हैं, जिन्हें ईसाई देशोंसे पर्याप्त धन मिलता है, वहीं दूसरी ओर मुसलमान राष्ट्र भी नेपालमें प्रवेश करनेके लिए तत्पर हैं ।
३. अतएव, नेपालको अधिकृतरूपसे हिंदू राष्ट्र घोषित करनेके लिए पूरे विश्वके हिंदुओंसे समर्थन मांगा जाएगा ।
नेपालको अधिकृत हिंदु राष्ट्र घोषित करनेके लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर आंदोलन !
श्री. जगदबहादुर थापाने आगे कहा, वर्तमानमें नेपाल कागदपर, अर्थात अधिकृत धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है । हम नेपालको अधिकृत हिंदू राष्ट्र घोषित हुआ देखना चाहते हैं । इसके लिए हम आगामी २६ से २८ जून की अवधिमें नेपाल बंद आंदोलन करनेवाले हैं । शासनने इस आंदोलनको यदि गंभीरतासे नहीं लिया, तो आगे नेपाल बंद आंदोलन अनिश्चित कालतक करेंगे । उस समय भारतके हिंदुओंको हमारे देशके हिंदुओंकी सहायता करनी चाहिए । हम यह आंदोलन अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर ले जाएंगे ।