ज्येष्ठ कृष्ण १४ , कलियुग वर्ष ५११५
बांग्लादेशमें आतंकवादी हैं । वे वहांसे भारतके विरुद्ध छिपा युद्ध कर रहे हैं । ऐसा होनेपर भी भारतीय शासक बांग्लादेशसे मित्रताका संबंध बनानेके लिए मैत्री एक्स्प्रेस नामसे एक विशेष रेलगाडी चालू की है । उसकेद्वारा बांग्लादेशी आतंकवादी भारतमें घुसपैठ कर रहे हैं, ये विचार हिंदू एक्जिस्टन्स जालस्थलके संपादक श्री. उपानंद ब्रह्मचारीजीने प्रकट किए ।
श्री. उपानंद ब्रह्मचारीजीने कहा,
१. बांग्लादेशके साढेतीन कोटि हिंदू वहांसे विस्थापित होकर भारतमें रहते हैं । उन्हें अभीतक विस्थापित श्रेणी नहीं दी गई है । इस कारण उन्हें भारतीय नागरिकता भी नहीं मिल पा रही है । इसके विपरीत, घुसपैठिए बांग्लादेशीयोंको भारतमें सर्व अधिकार प्राप्त होते हैं ।
२. म्यानमारके विस्थापित रोहिंग्या मुसलमानोंकी संख्या गिनी जाती है । किंतु, बांग्लादेशसे विस्थापित हिंदुओंकी संख्या नहीं गिनी जाती । इन हिंदुओं को विस्थापित घोषित कर अंतर्राष्ट्रीय नियमानुसार अधिकार मिलने चाहिए ।
३. बांग्लादेशमें दो कोटि हिंदुओंपर अमानवीय अत्याचार होते हैं । उन्हें कोई सुविधा नहीं दी जाती ।
४. भारतमें रहनेवाले बांग्लादेशी विस्थापित हिंदू और बांग्लादेशमें रहनेवाले अत्याचार-पीडित हिंदुओं से समन्वय साधनेकी आवश्यकता है । तत्पश्चात, बांग्लादेशके हिंदुओं को वहां रहनेके लिए उनके अधिकारकी भूमि दी जाए, जिसका प्रशासन पूर्णतः वहांके हिंदुओं के हाथमें हो ।